भारतीय सेना ने चीन के निगरानी टावर गिराए, तनाव बढ़ा

भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन के निगरानी टावर को गिराया, सीमा पर तनाव बढ़ा

नई दिल्ली : लद्दाख में भारत और चीनी सेना के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। दोनों सेनाओं के बीच ताजा विवाद उस समय शुरू जब भारतीय सेना और इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने चीनी सैनिकों (पीएलए) द्वारा बनाए गए निगरानी टावर को ध्वस्त कर दिया। इस घटना के बाद चीन ने सीमा पर अपनी अतिरिक्त सेना तैनात कर दी है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक चीनी सेना ने गश्त लाइन के नजदीक वॉच टावर बना लिया था। शुक्रवार को भारतीय सेना और आईटीबीपी ने मिलकर टावर को उखाड़ फेंका। इसके बाद दोनों तरफ फौज की तादाद बढ़ने लगी। उत्तरी लद्दाख में स्थित बर्तसे को चीन अपना हिस्सा बताता रहा है, जबकि भारत हमेशा इसका विरोध करता आया है।
इसके पहले सेना ने कहा कि चीनी सैनिक इस साल 150 बार वास्तविक नियंत्रण रेखा पार करके इस तरफ आये और उनका भारतीय सैनिकों से 100 से अधिक बार आमना सामना हुआ और ये घटनाएं केवल चार-पांच क्षेत्रों में ही सीमित रहीं।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, ‘लद्दाख क्षेत्र में इस साल वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र में 150 बार घुसपैठ की और 100 से ज्यादा बार आमना-सामना हुआ।’ पिछले साल चीनी सैनिकों ने 600 बार भारतीय क्षेत्रों में घुसपैठ की थी और 350 बार भारतीय सैनिकों से उनका सामना हुआ था। 2013 में घुसपैठ की 400 और जवानों के आमना-सामना होने की 100 घटनाएं सामने आईं थीं।
सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि दोनों पक्ष चाहते हैं कि एलएसी पर चीजें शांत रहें। कई सारी चीजें होती हैं।’ पूर्वी लद्दाख में पिछले साल सितंबर में चुमार और डेमचोक क्षेत्रों में तीन सप्ताह तक चले गतिरोध के संदर्भ में अधिकारी ने कहा कि मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया।
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