
उन्होंने कहा कि देश ने अस्पृश्यता को खत्म करने के लिए काफी कुछ किया है, लेकिन अभी काफी कुछ किया जाना है, जो कि हम कर सकते हैं।
‘अस्पृश्यता और नहीं’ विषय पर एक बैठक को संबोधित करते हुए राजनाथ ने कहा कि महात्मा गांधी ने अस्पृश्यता के खिलाफ अभियान शुरू किया था। हमारे प्रधानमंत्री ने भी स्वच्छता के लिए अभियान शुरू किया है। यह सिर्फ गंदगी के खिलाफ लड़ाई नहीं, बल्कि अस्पृश्यता के खिलाफ भी निर्णायक जंग है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा में उनका हवाला देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि संकीर्ण मानसिकता के लोग महानता हासिल नहीं कर सकते और केवल महानता रखने वाले ही निर्वाण प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल द्वारा आयोजित बैठक में कहा कि हमें सिर्फ खून का रिश्ता रखने वालों को ही नहीं, बल्कि हर मित्र और परिचित को परिवार के रूप में स्वीकार करना होगा।
इससे पूर्व गृहमंत्री ने अनुसूचित जाति की कुछ महिलाओं के साथ दोपहर भोज किया। महिलाओं ने उन्हें मिठाइयां दीं। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, भाजपा सांसद जगदंबिका पाल और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक भी मौजूद थे।
राजनाथ ने कहा कि मैंने कुछ महिलाओं के साथ भोजन किया। महिलाओं ने जिस तरह मुझे भोज कराया और माला पहनाकर स्वागत किया, उससे मैं बहुत भावुक हो गया हूं। यह मेरे लिए ऐतिहासिक क्षण था। लोगों के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। भारत से विश्व को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का महत्वपूर्ण संदेश है।