सावन मास का तीसरा सोमवार: बाबा विश्वनाथ के दरबार में उमड़ रहा भक्तों का जन सैलाब


वाराणसी: सावन माह के तीसरे सोमवार पर काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में शिवभक्तों का जन सैलाब उमड़ पड़ा है। स्वर्णमंडित दरबार में मंगला आरती के बाद मंदिर का पट खुला तो श्रद्धालुओं की खुशी देखते ही बन रही थी। मंगला आरती के उपरांत धाम के बाहर मैदागिन एवं गोदौलिया की तरफ पंक्तिबद्ध श्रद्धालुओं पर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार,मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर,नायब तहसीलदार व अन्य वरिष्ठ अफसरों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। दरबार में पावन ज्योर्तिलिंग पर गर्भगृह के बाहर बने पात्र से जलाभिषेक कर शिवभक्त आह्लादित भाव से बाबा के झांकी दर्शन के बाद काशी विश्वनाथ धाम के भव्य और नव्य विस्तारित स्वरूप को देख मुक्त कंठ से इसकी प्रशंसा कर रहे है। पूरे धाम परिसर और मंदिर परिक्षेत्र में हर-हर महादेव, काशी विश्वनाथ शंभों का गगनभेदी कालजयी उद्घोष गुंजायमान है। चप्पे-चप्पे की चौकसी के बीच मंदिर में रेड कार्पेट से चलकर शिवभक्त धाम में पहुंच रहे है। तीसरे सोमवार पर ही परम्परानुसार शाम को मंदिर के गर्भगृह में बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप की झांकी सजेगी। इसके लिए पूरे दरबार का श्रृंगार सुगंधित फूलों से किया गया है। अर्ध नारीश्वर रूप का श्रृंगार शाम के समय भोग आरती से पूर्व होगा। इसके पहले दरबार में दर्शन पूजन के लिए लाखों शिवभक्त रविवार देर रात से ही बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगे।

दरबार में भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर का पट खुला तो श्रद्धालु रेड कार्पेट पर चलकर दरबार में दर्शन पूजन के लिए पहुंचते रहे। पूरे दिन यहीं क्रम बना रहेगा। मंदिर प्रबधंन के अनुसार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धाम में चिकित्सक, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ टीम को भी तैनात किया है। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है। मंदिर में गर्भगृह के पहले ही श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन एलईडी स्क्रीन पर श्रद्धालु कर रहे हैं। दरबार में जाने के लिए स्टील की रेलिंग के बीच बिछे कारपेट से श्रद्धालु जिगजैग कतार में होकर दरबार में पहुंच रहे हैं। बाबा दरबार में आने वालों की कतार एक ओर गोदौलिया से बाबा दरबार तक है तो दूसरी ओर गंगा से बाबा दरबार तक लगी हुई थी। शिवमय हुई नगरी में गंगाघाट से बाबा दरबार तक आस्था एकाकार नजर आ रहा है । केशरिया वस्त्र धारी बाबा के भक्त कांवड़ियों का उत्साह दखते ही बन रहा है। धाम और मंदिर परिक्षेत्र के बाहर भी पुलिस अफसर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए लगातार चक्रमण कर रहे हैं। उधर, मैदागिन से गोदौलिया, सोनारपुरा चौराहे तक, गुरुबाग से रामापुरा, बेनियाबाग तिराहे तक, ब्राडवे तिराहा से सोनारपुरा होकर गोदौलिया तक, भेलूपुर से रामापुरा चौराहे तक पैदल छोड़ सभी वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है।

शिवभक्तों की सेवा में जुटे सामाजिक संगठन

सावन के तीसरे सोमवार को कतारबद्ध कावरियों और शिवभक्तों की सेवा में सामाजिक संगठनों, नागरिक सुरक्षा संगठन के साथ सपा भाजपा के कार्यकर्ता जगह-जगह शिविर लगाये हुए हैं। सावन के तीसरे सोमवार पर ही नगर के अन्य प्रमुख शिवालयों ओंकारेश्वर महादेव,महामृत्युजंय, शूलटंकेश्वर महादेव, तिलभाण्डेश्वर महादेव, गौरी केदारेश्वर , त्रिलोचन महादेव,रामेश्वर महादेव, कर्मदेश्वर महादेव, सारंगनाथ, गौतमेश्वर महादेव,जागेश्वर महादेव सहित सभी छोटे बड़े शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।

गंगा तट पर विशेष सर्तकता

गंगा में जलस्तर के बढ़ाव को देख दशाश्वमेधघाट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। दशाश्वमेध घाट सहित सभी प्रमुख गंगा घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिस मुस्तैद है। श्रद्धालुओं को लाउड हेलर से आगाह किया जा रहा है कि वह गंगा में स्नान के दौरान सजग रहें। नौकायन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी के जवान गश्त कर रहे है।

मार्कंडेय महादेव धाम में उमड़े लाखों शिवभक्त

चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में श्रावण माह के तीसरे सोमवार को जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई है। रविवार शाम से ही श्रद्धालु दरबार में पहुंच गये थे। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग की है। धाम से तीन किलोमीटर पहले कैथी तिराहे पर ही सभी प्रकार के वाहन रोक दिए जा रहे है। श्रद्धालु गंगा-गोमती संगम में डुबकी लगाने के बाद मार्कंडेय महादेव धाम दर्शन-पूजन व जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं।

काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में झांकी की महिमा

सावन के हर सोमवार बाबा के अलग-अलग स्वरूप शृंगार की परंपरा काशी में है। इसके तहत काशी विश्वनाथ धाम के गर्भगृह में तीसरे सोमवार को बाबा के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में झांकी सजाई जाएगी। स्वर्णिम गर्भगृह में बाबा के इस विशिष्ट स्वरूप का दर्शन रात लगभग नौ बजे के शृंगार दर्शन में मिलेगा। मनु स्मृति में उल्लेख है कि देवाधिदेव महादेव स्वयं को दो भाग में विभक्त किया और उसमें ही अर्द्धनारीश्वर स्वरूप दिखा दिया। बाबा का यह स्वरूप अद्वैत भाव को व्यक्त करता है। सावनी परंपरा के अनुसार प्रथम सोमवार को बाबा ने गर्भगृह में मानवाकृत स्वरूप में दर्शन दिया था। द्वितीय सोमवार को बाबा की शिव-शक्ति स्वरुप में झांकी सजाई गई थी। अब अगली बार यानी चौथे सोमवार को बाबा की रुद्राक्ष झांकी सजाई जाएगी। सावन पूर्णिमा पर बाबा सपरिवार रजत झूले पर विराजमान होंगे।

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