अब हर माह वार्ड स्तर पर होगा जल चौपाल का नियमित आयोजन



पटना: “हर घर नल का जल” निश्चय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और जलापूर्ति सेवाओं की निगरानी को और बेहतर बनाने के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने जल चौपाल के आयोजन को अब नियमित व्यवस्था के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है। विभागीय मंत्री, नीरज कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रत्येक माह के प्रथम वृहस्पतिवार को राज्य के सभी वार्डों में जल चौपाल का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा, जिसमें पंप ऑपरेटर, अनुरक्षक और स्थानीय समुदाय की भागीदारी के साथ पेयजल की स्थिति की समीक्षा की जाएगी , इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि जल चौपाल के माध्यम से यह समीक्षा की जाएगी कि वार्ड में कुल कितने परिवार हैं, कितनों को गृह जल संयोजन की सुविधा मिल चुकी है और कितने परिवार अभी इससे वंचित हैं। ऐसे परिवारों की सूची तैयार कर पंप ऑपरेटर और अनुरक्षकों के माध्यम से उसे अद्यतन किया जाएगा, ताकि जरूरतमंद परिवारों को समय पर योजना का लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि चौपाल में उपभोक्ताओं को पेयजल के मानकों की जानकारी दी जाएगी। यह भी समझाया जाएगा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन औसतन 70 लीटर पानी मिलना निर्धारित है। जल की बर्बादी रोकने और इसके किफायती उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा। अत्यधिक उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को जल संरक्षण के महत्व के प्रति संवेदनशील किया जाएगा।

श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि नल से आपूर्ति किया गया जल केवल पीने और घरेलू उपयोग के लिए है। इसका उपयोग वाहन धोने, पशु स्नान अथवा खेतों की सिंचाई जैसे कार्यों में नहीं किया जा सकता। टुल्लू पंप या अन्य उपकरणों के उपयोग पर रोक है, जिससे अन्य उपभोक्ताओं को जल आपूर्ति में बाधा न हो और पाइपलाइन भी सुरक्षित रहे।

चौपाल में जल भंडारण की स्वच्छता, बर्तनों की सफाई और जल निकासी के सुरक्षित तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी। वार्ड स्तर पर महिलाओं और युवाओं की भागीदारी से निगरानी समिति गठित की जाएगी, जो जल के दुरुपयोग की निगरानी करेगी और आवश्यकता होने पर घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाएगी।मंत्री ने कहा कि जल चौपाल केवल बैठक नहीं, बल्कि एक प्रभावशाली संवाद मंच है जो जल प्रबंधन, पारदर्शिता और जन सहयोग को नई दिशा देगा। उन्होंने सभी अभियंताओं से अपेक्षा की कि वे इसे गंभीरता से लागू करें और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक वार्ड में जल चौपाल समयबद्ध, व्यवस्थित और प्रभावशाली रूप से आयोजित हो।

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