कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को पूर्ण बजट पेश किया है। ममता बनर्जी सरकार ने 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण इलाकों को साधने के लिए बजट में बड़ा दांव खेला है। राज्य की वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश किया, जिसमें सबसे अधिक राशि पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के लिए आवंटित की गई। इस विभाग को 44 हजार 139 करोड़ 65 लाख रुपये मिले हैं, जो किसी भी अन्य विभाग से अधिक है। इसी के साथ, यह स्पष्ट हो गया कि तृणमूल कांग्रेस ने ग्रामीण मतदाताओं को लुभाने की पूरी तैयारी कर ली है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा की 294 सीटों में से करीब 170 से 180 सीटें ग्रामीण इलाकों में हैं, जो हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। ऐसे में यह उम्मीद की जा रही थी कि इस बार के बजट में गांवों को बड़ी सौगात मिलेगी। बजट पेश करते हुए चंद्रिमा भट्टाचार्य ने 'पथश्री' और 'बांग्लार बाड़ी" जैसी ग्रामीण परियोजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित करने की घोषणा की। 'पथश्री' परियोजना के तहत एक हजार 500 करोड़ रुपये और 'बांग्लार बाड़ी' योजना के लिए नौ हजार 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
वित्त राज्य मंत्री के अनुसार, मौजूदा वित्तीय वर्ष में 12 लाख परिवारों को पक्के घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता दी गई, जबकि अगले वित्तीय वर्ष में 16 लाख परिवारों को यह सहायता दी जाएगी।
कृषि, पशुपालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
बजट में कृषि क्षेत्र को भी बड़ी प्राथमिकता दी गई है। कृषि विपणन विभाग को 426 करोड़ रुपये, कृषि विभाग को 10,000 करोड़ रुपये और पशुपालन विभाग को एक हजार 272 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। वहीं, स्व-निर्भर समूह और स्वरोजगार योजना के तहत 798 करोड़ रुपये की राशि तय की गई है। इसके अलावा, गंगा नदी के तटीय इलाकों में होने वाले कटाव को रोकने के लिए 'नदी बंधन' परियोजना के तहत 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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