पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह

 आर्थिक पुनर्जागरण के महानायक को बेटी ने दी मुखाग्नि


नई दिल्लीः
देश में आर्थिक पुनर्जागरण के सूत्रधार, विकास के नए द्वार खोलने वाले सुधारों के जनक और राजनीति में सादगी तथा सौम्यता के प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनका यहां निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। डॉ. सिंह की सबसे बड़ी पुत्री उपिंदर कौर ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई और सिख धर्मगुरुओं और परिवार के सदस्यों ने गुरबाणी का पाठ किया। देश तथा दुनिया के कई गणमान्य लोगों, राजनीतिज्ञों और आम लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी।


निगम बोध घाट पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, मॉरीशस के विदेशमंत्री धनंजय रामफुल, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री जेपी नड्डा, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सांसद प्रियंका गांधी, तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ सीडीएस जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे। कई केंद्रीय मंत्री, राजनयिक और अन्य गण्यमान्य लोग भी अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने पहुंचे। सभी ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।


सिंह के अंतिम संस्कार समारोह में हिस्सा लेने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल,कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कई पूर्व केंद्रीयमंत्री भी निगम बोध घाट पहुंचे।


इससे पहले, कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा निकली। इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता “जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा” और “मनमोहन सिंह अमर रहें” जैसे नारे लगाते रहे। सिंह का पार्थिव शरीर जिस वाहन में रखा गया, उसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सिंह के परिवार के कुछ सदस्य और कांग्रेस के कुछ नेता भी बैठे थे। अंतिम यात्रा से पहले सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय ‘24 अकबर रोड’ में रखा गया था जहां सोनिया गांधी, खरगे, राहुल गांधी और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

भारत में आर्थिक सुधारों के जनक कहे जाने वाले पूर्व वित्त मंत्री और दो बार प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे। सिंह के निधन के बाद से देश और दुनिया की हस्तियों द्वारा शोक जताने तथा उनके योगदान को याद करने का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें “एक सच्चा राजनेता” बताया और भारत एवं अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सहयोग के “अभूतपूर्व स्तर का” श्रेय उनकी रणनीतिक समझ और राजनीतिक साहस को दिया। अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस ने कहा कि मनमोहन सिंह एक महान नेता थे जिन्होंने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक असैन्य परमाणु समझौते के माध्यम से अमेरिका-भारत संबंधों को मौलिक रूप से नए स्तर पर लाने में मदद की।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को मनमोहन सिंह को एक उत्कृष्ट राजनेता बताया था और भारत-रूस संबंधों को ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक’ साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने में उनके योगदान को याद किया था। मॉरीशस ने घोषणा की है कि सिंह के सम्मान में शनिवार को सूर्यास्त तक सभी सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में उसका राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।

सिंह के निधन के शोक के बीच उनकी अंत्येष्टि और स्मारक स्थल को लेकर उस वक्त एक विवाद भी खड़ा हुआ जब सरकार ने उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किए जाने का फैसला किया और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर का अपमान किया गया है। कांग्रेस की मांग थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी स्थान पर होना चाहिए जहां उनका स्मारक बन सके। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार रात कहा कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी।

सिंह का पार्थिव शरीर शुक्रवार को उनके आवास ‘3 मोतीलाल नेहरू मार्ग’ पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां दलगत भावना से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई प्रमुख नेताओं तथा अन्य हस्तियों ने मनमोहन सिंह को उनके आवास पर शुक्रवार को श्रद्धांजलि दी थी।

कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे सिंह वर्ष 2004 से 2014 तक 10 वर्ष देश के प्रधानमंत्री रहे और उससे पहले उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करने में मदद की। वह वित्तीय और आर्थिक क्षेत्रों में वैश्विक स्तर की एक प्रसिद्ध हस्ती थे। उनके नेतृत्व वाली सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई), शिक्षा का अधिकार (आरटीई) और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) जैसी युग परिवर्तनकारी योजनाओं की शुरुआत की। हमेशा नीली पगड़ी पहनने वाले सिंह को 1991 में नरसिंह राव सरकार में भारत का वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था। आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति शुरू करने में उनकी भूमिका को दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।


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