Chandra Grahan: इस दिन लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतक काल का समय से लेकर इसका धार्मिक महत्व



Chandra Grahan: इस महीने (अक्टूबर 2023) में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसे पहला चंद्र ग्रहण 5 मई 2023 को लगा था. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया था, लेकिन इस पर 28 अक्टूबर को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा. साल के इस आखिरी चंद्र ग्रहण का भारत समेत कई देशों में प्रभाव भी रहेगा. इसके अलावा सूतक काल भी मान्य होंगे. इसका वैज्ञानिक के साथ ही धार्मिक महत्व है. यही वजह है कि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के एक सीधी रेखा में आने पर चंद्र ग्रहण लगता है. 

आइए जानते हैं इस बार चंद्र ग्रहण का समय, इसका सूतक काल से लेकर पड़ने वाला प्रभाव...

इस समय लगेगा चंद्र ग्रहण

सूर्य ग्रहण के बाद 28 अक्टूबर को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का प्रभाव पूरी तरह से भारत में होगा. यह 28 अक्टूबर 2023 से लेकर 29 अक्टूबर 2023 तक पूरे 4 घंटे 4 मिनट तक रहेगा. ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 11 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा. इसके बाद 29 अक्टूबर की सुबह 3 बजकर 36 मिनट तक खत्म होगा. 

जानें कब लगेंगे सूतक काल

साल के अंतिम चंद्र ग्रहण के सूतक काल ग्रहण शुरू होने करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाएंगे. इस समय में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. ज्योतिषाचार्य की मानें तो सूतक लगने से लेकर ग्रहण खत्म होने तक गर्भवती म​हिलाओं को कोई काम नहीं करना चाहिए. इस समय में भगवान का जाप करना शुभ होता है. वहीं किसी चीज को काटने से लेकर उसकी सिलाई करने तक का प्रभाव बच्चे पर पड़ता है. 

कहा दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

इस बार चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही यूरोप, दक्षिणी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा. इन सभी जगहों पर चंद्र ग्रहण का पूरा प्रभाव भी रहेगा. 

ग्रहण के समय जरूर करें ये काम

ग्रहण के समय कुछ कामों को करना शुभ और नकारात्मकता को दूर रखता है. यह स्वास्थ्य लाभ देने से लेकर ग्रहों को कमजोर नहीं पड़ने देता. इसके लिए चंद्र ग्रहण के समय गायत्री मंत्र या फिर महामृत्युंजय मंत्र का जप करें. ग्रहण के दौरान घर में पके रखे खाने में तुलसी के पत्ते जरूर डाल दें. माना जाता है कि ऐसा न करने से खाना दूषित हो जाता है. ग्रहण के दौरान भोजन न करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद नहाना बहुत ही अच्छा रहता है. इसे ग्रहण के दौरान आने वाली नकारात्मकता खत्म हो जाती है.

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