Jharkhand High Court: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने सिविल जज जूनियर डिवीजन परीक्षा के उम्मीदवारों को राहत दी है. कोर्ट ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) को आदेश दिया है कि उम्र सीमा एक्सपायर होने की वजह से परीक्षा से वंचित हो रहे अभिषेक कुमार एवं अन्य को ऑफलाइन परीक्षा फार्म भरने की अनुमति दी जाय. इनकी परीक्षाएं भी ली जाएंगी और रिजल्ट भी निकलेगा.
सिविल जज जूनियर डिवीजन (Civil Judge Junior Division) की नियुक्ति के लिए झारखंड लोकसेवा आयोग की ओर से आवेदन लिया जा रहा था, लेकिन इस आवेदन में अधिकतम उम्र सीमा की पेंच आ फंसी थी. इस पेंच को लेकर अभिषेक कुमार एवं अन्य की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.
आज मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में हुई. जहां सुनवाई के दौरान अदालत ने उम्मीदवारों को 21 सितंबर तक आवेदन करने को कहा. अदालत ने कहा कि ये उम्मीदवार ऑफलाइन जमा करेंगे. ये परीक्षा में शामिल भी होंगे. इनका रिजल्ट भी जारी होगा लेकिन इनका रिजल्ट इस याचिका के अंतिम निर्णय से प्रभावित भी होगा.
सिविल जज, जूनियर डिवीजन परीक्षा के लिए झारखंड लोकसेवा आयोग आवेदन लिया. आवेदन के नोटिफिकेशन में अधिकतम उम्रसीमा की गणना 31.01.2023 के आधार पर की गई. जिसमें कहा गया कि इस तारीख तक आवेदक का अधिकतम उम्र 35 साल से कम होनी चाहिए. जिसके बाद अभिषेक कुमार एवं अन्य ने झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की. कट ऑफ डेट की वजह से ये उम्मीदवार आवेदन नहीं कर पा रहे थे.
इन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि वे राज्य में सिविल जज, जूनियर डिवीजन की परीक्षा हुए पांच साल से अधिक हो गए. हम कई साल से इसकी तैयारी कर रहे हैं. परीक्षा नहीं होने की वजह से उम्र सीमा निर्धारित 35 वर्ष से ऊपर हो चुकी है. ऐसे में हमें निर्धारित अधिकतम उम्र सीमा में छूट देते हुए एग्जाम देने की अनुमति दी जाए. इनकी ओर से अधिवक्ता सौरभ अरुण एवं अमित कुमार सिन्हा ने पैरवी की.
138 पदों पर होनी है बहाली
जेपीएससी के माध्यम से कुल 138 पदों के लिए आवेदन लिया गया है. नोटिफिकेशन के अनुसार कुल 138 पद हैं. ऑनलाइन आवेदन 21 नवंबर तक लिए जा रहे हैं. कुल 138 पदों में से अनारक्षित के लिए 60, एसटी के लिए 28, एससी के लिए 12, बीसी वन के लिए 10, बीसी टू के लिए 15 और इडब्ल्यूएस के लिए 13 पद हैं. कार्मिक की ओर से सिविल जज, जूनियर डिवीजन बहाली के लिए 10 फरवरी को अधियाचना भेजी गयी थी.
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