लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि कारगिल युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। मई 1999 में प्रारंभ हुआ यह युद्ध 26 जुलाई को औपचारिक कारगिल विजय दिवस के रूप में घोषित कर घुसपैठिए पाकिस्तानी सैनिकों को भारत की धरती से खदेड़ने में हमें सफलता प्राप्त हुई थी.
कारगिल विजय (Kargil Vijaya Diwas) से वैश्विक मंच पर दुनिया ने एक बार फिर से भारत की सैन्य ताकत का अहसास किया था. मुख्यमंत्री बुधवार को कारगिल विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने कारगिल में शहीद हुए योद्धाओं की प्रतिमा के सम्मुख पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही पूरे प्रदेशवासियों को कारगिल विजय दिवस की बधाई दी.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज नए भारत में हम पीएम नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में कार्य कर रहे हैं. यह नया भारत, जिसमें हर नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी है. जिस भारत में आतंकवाद, नक्सलवाद व घुसपैठ की जगह नहीं है. हर व्यक्ति को समान रूप से जीवन जीने का अवसर प्रदान किया जा रहा है. देश के विकास के लिए न केवल केंद्र व राज्य सरकारें, बल्कि प्रत्येक नागरिक अपने स्तर पर कार्य करते हुए लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन सभी तबके तक पहुंच रहे हैं, जो आजादी के बाद उपेक्षित थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक व वाह्य सुरक्षा के लिए भारत मां के सपूतों का बलिदान अमूल्य है. हम सभी के लिए अविस्मरणीय व राष्ट्र के लिए अभिनंदनीय है, लेकिन प्रदेश सरकार ने उनके परिवारजनों के प्रति सम्मान का भाव प्रकट करते हुए देश या आंतरिक सुरक्षा में शहीद होने वालों के परिजनों को 50 लाख रुपये व एक सदस्य को उप्र शासन में सेवा का अवसर देने व उनके नाम पर कोई संस्था, मार्ग का नामकरण की व्यवस्था छह वर्ष में लागू की है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि कैप्टन मनोज पांडेय के नाम पर देश के पहले सैनिक स्कूल का नामकरण किया गया. मेजर आदित्य मिश्रा, मेजर रितेश शर्मा, लांस नायक केवलानंद द्विवेदी, लांस नायक सुनील जंग के परिवार वालों का अभिनंदन करता हूं. योगी ने कहा कि यदि हम नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में कार्य करते हैं तो भारत प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप 2047 में दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में स्थापित होगा.
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