सीमा पर शांति के बिना सामान्य नहीं होंगे रिश्ते, राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षामंत्री को किया स्पष्ट


भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री के बीच गुरुवार को मुलाकात हुई. बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर शांति के बिना दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं होंगे. जानकारी के अनुसार राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष ली शांगफू के साथ सीमा विवाद को उठाया. राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री शांगफू के साथ वार्ता के दौरान कहा कि मौजूदा समझौतों के उल्लंघन से द्विपक्षीय संबंधों की संपूर्ण बुनियाद को नुकसान पहुंचा है. भारत के  रक्षा मंत्री ने ली शांगफू से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के सभी मुद्दों को मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रतिबद्धताओं के अनुरूप सुलझाने की जरूरत है.

गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शांगफू के दिल्ली पहुंचने के बाद यह वार्ता हुई. भारत एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी कर रहा है. तीन साल पहले पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद उत्पन्न होने के बाद यह चीन के रक्षा मंत्री की पहली भारत यात्रा है.  सिंह और शांगफू के बीच मुलाकात को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.  दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता से कुछ दिन पहले सीमा विवाद को खत्म करने के लिए भारत और चीन की सेनाओं ने 18वें दौर की सैन्य वार्ता की थी.

23 अप्रैल को हुई कोर कमांडर वार्ता में दोनों पक्ष संपर्क बनाये रखने और पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों पर जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान निकालने पर सहमत हुए थे.हालांकि, विवाद खत्म करने के लिए आगे बढ़ने का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला था. भारत का कहना है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते.

गोवा में एससीओ सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीनी विदेश मंत्री छिन कांग भी अगले सप्ताह भारत आने वाले हैं. बैठक चार और पांच मई को होनी है. सिंह ने गुरुवार को कजाकिस्तान, ईरान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ भी अलग-अलग द्विपक्षीय वार्ता की. पाकिस्तान को छोड़कर चीन, रूस और एससीओ के अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्री दिल्ली में हो रही बैठक में भाग ले रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ऑनलाइन माध्यम से बैठक में हिस्सा लेंगे.

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