राजस्थान अब बनेगा 50 जिलों वाला राज्य


जयपुरः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को विधानसभा में राजस्थान में 19 नए जिले और 3 नए संभाग बनाने की घोषणा की है। राजस्थान में अब अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामनसिटी (नागौर), दूदू (जयपुर), गंगापुर सिटी (सवाईमाधोपुर), जयपुर-उत्तर, जयपुर-दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, केकड़ी (अजमेर), कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर), खैरथल (अलवर), नीम का थाना (सीकर), फलोदी (जोधपुर), सलूंबर (उदयपुर), सांचोर (जालोर), शाहपुरा (भीलवाड़ा) नए जिले होंगे। बांसवाड़ा, पाली, सीकर नए संभाग बनाए गए हैं। अब राजस्थान में कुल 50 नए जिले और 10 संभाग हो गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह सभी घोषणाएं बजट पर बहस के जवाब में की है। मुख्यमंत्री ने 19 नए जिलों की घोषणा की है, लेकिन कुल जिलों की संख्या 50 ही रहेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि जयपुर से जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण, वहीं जोधपुर को तोड़कर जोधपुर पूर्व और जोधपुर पश्चिम बनाया गया है। ऐसे में पहले 31 जिलों को माना जाए और फॉर्मेशन के बाद 19 नए जिले माने जाएं तो कुल संख्या 50 होती है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर का विकास करवाने की घोषणा की है। इस पर 100 करोड़ रुपए का खर्च होगा। इसी तरह पुष्कर का भी विकास किया जाएगा। चुनावी साल में इस घोषणा को काफी अहम माना जा रहा है। त्रिुपरा सुंदरी, सांवलियाजी, खोले के हनुमानजी, तनोट मातेश्वरी, श्रीनाथजी, कैला देवी, वीर तेजा जी, एकलिंगजी जैसे प्रसिद्ध मंदिरों के विकास के लिए डीपीआर बनाई जाएगी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम देशभर में लागू करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बजट बहस पर जवाब देते हुए कहा कि ओपीएस पर चुनाव से पहले पीएम मोदी को भी फैसला करना होगा। आप संभल जाइए, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र में कई राज्यों में मांग उठ रही हैं। जब 65 साल में कांग्रेस ने ओपीएस लागू करके आगे बढ़ाया। पंडित नेहरू के पास दूरदृष्टि थी, उन्होंने आधुनिक भारत की नींव रखी। जिसका लाभ आज देश को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 30 मार्च से 25 लाख रुपए वाली नई चिरंजीवी योजना लागू होगी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पुरानी पेंशन स्कीम लागू थी तब ही देश ने प्रगति की थी। हमारे देश में सुई से लेकर कहां तक हम पहुंच गए है। पुरानी पेंशन से देश का विकास हुआ है। हम कर्मचारियों को शेयर मार्केट के सहारे नहीं छोड़ सकते हैं। सीएम गहलोत ने कहा कि जब विधायक एनपीएस की तरह अपने पैसे कटवा सकते है तो दूसरों को शेयर मार्केंट के आधार पर कैसे छोड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि हमारे द्वारा शुरू की गई यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई थी। अब भविष्य में आपकों मौका नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना में हमारा राजस्व ज्यादा हुआ। सिलेंडर की बात हो, चिरंजीवी योजना की बात हो, ओपीएस की बात हो, हमनें कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की है। ओपीएस को समझने के लिए दूसरे राज्य की टीम यहां पर आ रही है। गहलोत ने कहा कि समाज में छूआछूत मानवता के लिए कंलक है। हमने सामाजिक सुरक्षा को मुद्दा बनाया है। एआईआर हमने अनिवार्य कर दिया है। गरीब आदमी की सुनवाई हो रही है। जांच में पहले ज्यादा समय लगता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने राज्यों का हिस्सा कम किया है। गहलोत ने फिर कहा कि ओपीएस रुकने वाली नहीं है। चाहे बीजेपी कितनी ही अड़चनें पैदा करें।


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