नई दिल्लीः नीतू घंघास ने 48 किग्रा वर्ग में मंगोलिया की लुत्सेखान अल्तांसेटसेग को हराकर महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में स्वर्ण पदक जीत लिया। दो बार की विश्व युवा चैंपियन ने दो बार की एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता से बेहतर फॉर्म का प्रदर्शन किया। नीतू ने शुरुआती दौर की शुरुआत आक्रामक तरीके से की। इस दौरान पूरे तीन मिनट तक अपना दबदबा बनाए रखा। उनके पंच ने सभी पांच जजों ने बाउट को उनके पक्ष में फैसला दिया और विजेता घोषित कर दिया। नीतू पर दूसरे राउंड में मंगोलियाई खिलाड़ी ने जोरदार जवाबी हमला किया, जिससे नीतू को कई मौकों पर अपना संतुलन खोना पड़ा।
हालांकि, नीतू ने कुछ शक्तिशाली जैब्स के साथ अपना संयम बनाए रखा और राउंड 3:2 से जीत लिया। फाइनल राउंड में भी इरादे वही रहे क्योंकि नीतू को सीधे येलो कार्ड मिला। उसके प्रतिद्वंद्वी को भी एक क्षण बाद एक पीला कार्ड मिला, जब उसने प्रतियोगिता में अपने तरीके से लड़ने की कोशिश की। 22 वर्षीय भारतीय मुक्केबाज, जो अपनी दूसरी विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा कर रही थी, ने पहले रेफरी स्टॉप प्रतियोगिता (आरएससी) के फैसले से तीन जीत दर्ज की थी। उन्हें सेमीफाइनल में कजाकिस्तान की अलुआ बाल्किबेकोवा के खिलाफ कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, जिसने उन्हें पिछले साल विश्व चैंपियनशिप से बाहर कर दिया था।
बता दें कि भारत के चार मुक्केबाज खिलाड़ी महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची हैं। इनमें से एक पिछली बार की विश्व चैंपियन निखत जरीन भी शामिल हैं। वह 50 किग्रा भार वर्ग में रविवार को फाइनल मुकाबले में दो बार की एशियाई चैम्पियन और 2018 एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता वियतनाम की गुयेन थी टैम से भिड़ेंगी।
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