बिहार में जन सुराज की कल्पना करने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर रात के अंधेरे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर ली. वे कई महीने से बिहार में डेरा डाले हुए हैं. वे बिहार में जन सुराज लाने को लेकर दौरे पर हैं. पीके लगातार सीएम नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़े कर रहे थे। मीडिया में नीतीश कुमार के खिलाफ आवाज बुलंद कर बिहार में टीआरपी बटोर रहे थे। लेकिन जैसे ही मौका मिला,उसी नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गये, जिन्हें पानी पी-पीकर कोस रहे थे। उन्होंने मई 2022 में ही ऐलान किया था कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से गांधी की धऱती चंपारण से पदयात्रा करेंगे। पीके ने कहा था कि वे जन सुराज के लिए गांव-देहात जाएंगे और एक-एक लोग से संपर्क करेंगे। लेकिन सितंबर आते-आते लगता है कि पीके का मन डोलने लगा है। वे संघर्ष के रास्ते को छोड़ फिर से नीतीश कुमार के साथ आना चाहते हैं।
मंगलवार की देर रात प्रशांत किशोर अचानक मुख्यमंत्री आवास पहुंच गये। उनके साथ पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा भी थे। पहले तो प्रशांत किशोर ने सीएम नीतीश से मुलाकात की बात को खारिज कर दिया था। लेकिन खुद मुख्यमंत्री ने इस बात की पुष्टि कर दी। साथ ही यह कहकर पीके की हवा निकाल दी कि वे हमसे मिलना चाहते थे। लिहाजा हमने मुलाकात कर ली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई है। उनसे क्या बातचीत हुई है प्रशांत किशोर से ही पूछ लीजिए. आगे कहा कि पीके से कोई खास बात नहीं हुई है. पवन वर्मा भी आए थे, उनसे मेरा बहुत पुराना संबंध है. नीतीश कुमार ने कहा कि किसी से मिलने में कोई दिक्कत नहीं है. हमारा बहुत पहले से संबंध है. यदि कोई मिलना चाहता है तो क्यों नहीं मिलेगा.इस तरह से नीतीश कुमार ने इशारों ही इशारों में साफ कर दिया कि प्रशांत किशोर ही हमसे मिलना चाह रहे थे। प्रशांत किशोर के साथ आने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है. सामान्य बातचीत प्रशांत किशोर से हुई है.
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