संयुक्त छात्र मोर्चा के प्रेस कॉफ्रेंस से जारी बयान
छात्र नेताओं ने उठाया केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के पीएचडी नामांकन प्रक्रिया पर सवाल ?
SC, ST, OBC के छात्रों को बाहर रखना चाहता है केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी - संयुक्त छात्र मोर्चा!
बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय को हम संघ का प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे- संयुक्त छात्र मोर्चा
पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ एंव संयुक्त छात्र मोर्चा ने साझा प्रेसवार्ता का आयोजन किया। प्रेसवार्ता में छात्र नेताओं ने केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के पीएचडी में नामांकन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया है। छात्र नेताओं ने डेटा के आधार पर कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी के ZOOLOGY और Media studies department में OBC और SC category के पीएचडी में नामांकन के लिए सीट में कटौती की गई है जबकि सामान्य श्रेणी की सीटें यथावत है।
Zoology डिपार्टमेंट का मामला को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी Prospectus के पेज संख्या 25 पर zoology विभाग में पीएचडी के लिए कुल सात सीटें है ऐसा बताया गया था। सात सीट में एक सीट अनआरक्षित वर्ग के लिए, तीन ओबीसी के लिए, दो अनुसूचित जाति के लिए तथा एक अनुसूचित जनजाति के लिए है लेकिन जब VIVA के बाद मेधासूचि बनाई गई तो अन्य पीछड़ा वर्ग के एक सीट, अनुसूचित जाति के दोनों सीट को डॉप कर दिया जबकि पर्याप्त संख्या में छात्र मौजूद थे ।
Media studies department का जिक्र करते हुए नेताओं ने कहा कि-
अपने e-prospectus के पेज संख्या 22 पर कुल 6 सीट होने की बात विश्विद्यालय करता है जिसमें अनआरक्षित वर्ग के लिए दो, पिछड़ा वर्ग के लिए दो, अनुसूचित जाति के लिए दो सीट का जिक्र करता है लेकिन VIVA के बाद फाइनल मेधासूचि बनाया जाता है तो अन्यपीछड़ा वर्ग के एक सीट को डॉप कर दिया गया।
यहीं नहीं आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आयी Judgment CIVIL APPEAL NO-8717 of 2015 dated 28 April 2022 जिसके 11वें नम्बर बिंदु में साफ कहा गया है कि यदि कोई आरक्षित श्रेणी का अभ्यर्थी अनआरक्षित वर्ग से ज्यादा मेधा रखता है तो वह अनआरक्षित सीट के हकदार होगा -
महात्मा गॉधी क्रेद्रीय विश्वविद्यालय के Media studies department इन नियमों को ताख पर रखकर नामांकान की प्रक्रिया में लिखित परीक्षा में सबसे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थी नीतीश कुमार को न केवल आरक्षित सीट दिया है बल्कि तिसरे नंबर पर सबसे अधिक अंक लानेवाली सुजाला ख्वासा नाम की लड़की को उसी श्रेणी में Waiting लिस्ट में रखा है । इसके अलावा अनआरक्षित वर्ग के मेधासूचि में गुंजन शर्मा नाम की लड़की को मेधासूचि में जगह दिया गया है जबकि अनआरक्षित वर्ग से VIVA के लिए बुलाये गए विद्यार्थियों में सबसे कम अंक 50 लानेवाली विद्यार्थी है। जबकि उसी वर्ग में दो छात्र का एश्वर्या चतुर्वेदी 53 अंक , आकाश कुमार 51 अंक लाये हैं उन्हें नामांकन की प्रक्रिया में मेधासूचि से बाहर रखा गया है।
दर असल पूरा मामला नामांक प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का है ।
नामांकन में क्या प्रक्रिया अपनायी गई थी इसको लेकर मीडिया स्टडीज डीपार्टमेंट में नामांकन के मेधासूचि से बाहर कर दिए गए अभिषेक राज ने दिनांक 4 जुलाई 2022 को 11:45 बजे सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगा था। चुकि यह life, liberty and justice से जुड़ा हुआ मामला था। सूचना 6 जुलाई को 11:45 बजे तक आना था। लेकिन जब 10 जुलाई तक विश्वविद्यालय से सूचना नहीं आया तो 11 जुलाई को दोपहर 1 बजे विश्वविद्यालय के OSD सच्चिदानंद सिन्हा के पास पहली अपील के लिए गए। लेकिन OSD अपील लेने से इनकार कर दिए जिसके बाद Head Post Office मोतिहारी में 11 जुलाई को हीं पहली अपील की कॉपी भेजकर Receiving प्राप्त किया।
संयुक्त छात्र मोर्चा पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाये हुए है।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष मनीष यादव एंव उपाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी से जो मामला सामने आया है यह सिर्फ एक अंश है असल में विश्वविद्यालय से SC , ST, OBC के छात्रों को बाहर करने की साजिश रची जा रही है इसे हम कामयाब नहीं होने देंगे।
कार्यक्रम में संयुक्त छात्र मोर्चा में शामिल AISA , AISF, CRJD, JACP, DISHA छात्र संगठन के प्रतिनिधि शामिल रहे। प्रतिनिधि में आइसा से कुमार दिव्यम, स्वतंत्र कुमार दिनकर , AISF से अमन लाल, CRJD से हिमांशु यादव , दिशा से अजीत गिरी JACP से दीपांकर प्रकाश शामिल रहे।
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