तालिबानी नेता ने की काबुल में चीनी राजदूत से मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों पर हुई चर्चा

कतर में तालिबान राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख अब्दुल सलाम हनफी ने मंगलवार को काबुल में अफगानिस्तान में चीनी राजदूत वांग यू से मुलाकात की। स्पुतनिक ने तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम के ट्वीट के हवाले से कहा कि उन्होंने चीनी दूतावास और राजनयिकों की सुरक्षा, अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति, द्विपक्षीय संबंधों और चीन की मानवीय सहायता पर चर्चा की।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद एक तरफ जहां विदेशी नागरिक और उनके अफगान सहयोगी देश छोड़ने की कोशिश कर रहे है। अमेरिका समेत कई देशों ने अपने दूतावसों को पूरी तरह से बंद कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ चीन ने काबुल में अपने दूतावास को खुला रखा है।

पहले की मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अगर तालिबान लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को हटाने में सफल रहता है तो चीन आतंकवादी समूह को मान्यता देने के लिए तैयार है। तालिबान ने मई से अपना अफगानिस्तान के प्रमुख जिलों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था और 15 अगस्त को उसने युद्धग्रस्त देश पर कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान में 20 साल की उपस्थिति के बाद हाल ही में अमेरिकी सेना की वापसी ने तालिबान के लिए अफगानिस्तान के विशाल क्षेत्रों पर नियंत्रण का मार्ग प्रशस्त किया।

तालिबान से बढ़ते संबंधों के बावजूद बीजिंग ने ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के साथ जुड़े समूहों को लेकर चिंता जताई है। चीन के विदेश मंत्रालय के एकबयान में कहा गया है कि चीन ने पिछले महीने तालिबान के प्रतिनिधिमंडल को बताया था कि इटीआइएम उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सीधा खतरा है और इटीआइएम का मुकाबला करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक सामान्य जिम्मेदारी है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को तियानजिन में अफगान तालिबान राजनीतिक आयोग के प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ बैठक के दौरान यह संदेश दिया।

इसमें कहा गया, 'हमें उम्मीद है कि अफगान तालिबान इटीआइएम सहित सभी आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों को खत्म करने, सकारात्मक भूमिका निभाने, क्षेत्र में सुरक्षा, स्थिरता, विकास और सहयोग के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने के लिए दृढ़ता से उनका मुकाबला करेगा।

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