जातिगत जनगणना (Caste Census) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का स्टैंड राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के मुख्य दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) से अलग है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं तो बीजेपी इसके खिलाफ है। इस मुद्दे पर नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) को बीजे चार अगस्त को पत्र लिखकर मुलाकात के लिए वक्त मांगा था। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात के लिए 23 अगस्त का समय दिया है। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री से मुूख्यमंत्री की इस मुलाकात में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी रहेंगे। इस मामले में अब बिहार में सियासत गरमा गई (Politics Heats-Up) है।
पीएम मोदी ने को 23 अगस्त का दिया वक्त
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अनुसार जातिगत जनगणना को लेकर उनके पत्र के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को दिल्ली में बातचीत का समय दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री के ट्वीट के अनुसार उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर बिहार के प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा था। अब प्रधानमंत्री ने 23 अगस्त को मिलने का समय दिया है। प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित विभिन्न दलों के प्रतिनिधि भी रहेंगे। हालांकि, प्रतिनिधिमंडल में बीजेपी शामिल नहीं रहेगा।
केंद्र सरकार को करना है अंतिम फैसला
जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश कुमार ने हाल में कहा था कि उनका पत्र प्रधानमंत्री मोदी को मिल चुका है। इस मुद्दे पर मिल-बैठकर बात करनी होगी। हालांकि, नीतीश कुमार ने यह भी कहा था कि जातिगत जनगणना पर अंतिम फैसला केंद्र सरकार को ही करना है।
जातिगत जनगणना बना बड़ा सियासी मुद्दा
जातिगत जनगणना बिहार में बड़ा सियासी मुद्दा बन गया है। इसे लेकर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दो दिन पहले ही तंज कसते हुए कहा था कि जातिगत जनगणना के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यतमंत्री नीतीश कुमार को मुलाकात का समय नहीं देना मुख्यमंत्री का अपमान है।
बिहार में गरमाई सियासत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री से मुलाकात के समय की जानकारी देने के बाद बिहार में राजनीति गरमा गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने इसका स्वागत किया है।
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