पीयूष गोयल ने कहा, कार्रवाई के डर से सरकार को धमकाने की कोशिश कर रहा है विपक्ष

संसद में विपक्षी सांसदों के हंगामे को लेकर राज्‍यसभा में नेता सदन और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि विपक्ष को डर है कि संसद के कर्मचारियों पर उनके हमले के मद्देनजर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, इसलिए वे हमें धमकाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं शरद पवार से भी आग्रह करूंगा कि हम पर उंगली उठाने से पहले आत्ममंथन करें। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने हंगामे के लिए कमेटी बना कर दोषी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

गोयल ने कहा कि इस सत्र में हमने लगातार बहुत ही दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं। पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही। ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया।' उन्होंने कहा, 'विपक्ष को जनता ने बार-बार सबक सिखाया है। एक बार फिर जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

गोयल ने विपक्षी सांसदों की मार्शल के साथ हाथापाई, दरवाजे का कांच तोड़ने और सदन के अंदर टेबल पर खड़े होकर फाइल लहराने जैसी कई घटनाओं का जिक्र करते हुए आरोप लगाया गया कि विपक्ष ने चेयरमैन और संसद का अपमान किया है।

मानसून सत्र के दौरान विपक्ष के हंगामे को लेकर केंद्रीय मंत्रियों ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस की। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रह्लाद जोशी, भूपेंद्र यादव और अनुराग सिंह ठाकुर शामिल हुए। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जहां विपक्ष को देश से माफी मांगने को कहा, वहीं प्रह्लाद जोशी ने राज्यसभा अध्यक्ष से विपक्षी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। अनुराग ठाकुर ने कहा कि देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको (विपक्ष) देश से माफी मांगनी चाहिए।

 उधर, कांग्रेस की महिला सदस्यों छाया वर्मा और फूलो देवी नेताम ने आरोप लगाया है कि पुरुष मार्शलों ने उस वक्त उनके साथ धक्कामुक्की की जब वे आसन के निकट पहुंचकर सरकार का विरोध जता रही थीं।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी आरोप लगाया कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान वहां मौजूद कुछ महिला सुरक्षाकíमयों ने विपक्ष की महिला सदस्यों के साथ धक्कामुक्की की और उनका अपमान किया। सरकार ने उनके आरोप को सत्य से परे बताते हुए खारिज कर दिया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उन्होंने अपने 55 साल की संसदीय राजनीति में ऐसे स्थिति नहीं देखी कि महिला सांसदों पर सदन के भीतर हमला किया गया हो।


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