हज यात्रा को लेकर सऊदी अरब का बड़ा फैसला, इस बार केवल 60 हजार स्‍थानीय लोगों को ही अनु‍मति

कोरोना महामारी के बीच हज यात्रा को लेकर सऊदी अरब ने बड़ी घोषणा की है। सऊदी अरब के इस फैसले से दुनिया के मुख्‍तलिफ मुल्‍कों में उन लोगों को मायूसी हाथ लगी है जो इस बार हज यात्रा की उम्‍मीद लगाए बैठे थे। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते इस साल 60 हजार से ज्‍यादा लोगों को हज यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। ये सभी लोग स्थानीय होंगे। 

सऊदी अरब सरकार की संचालित सऊदी प्रेस एजेंसी ने हज एवं उमरा मंत्रालय का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस साल हज यात्रा जुलाई के मध्य में शुरू होगी। इसमें 18 से 65 वर्ष के लोग हिस्सा ले सकेंगे। हज यात्रियों के लिए टीका लगवाना अनिवार्य है। सऊदी अरब सरकार का कहना है कि उसने हाजियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ साथ उनके मुल्‍क की सुरक्षा के बारे में विचार-विमर्श करने के बाद यह फैसला लिया है।

उल्‍लेखनीय है कि पिछले साल भी सऊदी अरब ने कोरोना महामारी को देखते हुए ऐसा ही फैसला लिया था। पिछले साल सऊदी अरब में पहले से रह रहे लगभग एक हजार लोगों को ही हज के लिए चुना गया था। इसमें 160 देशों के श्रद्धालुओं को वार्षिक हजयात्रा में शरीक होने की अनुमति थी। सामान्य परिस्थितियों में हर साल लगभग 20 लाख मुसलमान हज करते हैं। बीते दिनों हज और उमरा मंत्रालय ने एक गाइडलाइंस जारी की थी।

इसके मुताबिक अब केवल वही लोग अल मस्जिद अन नवावी और मस्लिज अल हरम में प्रवेश पा सकेंगे जो वैक्‍सीन की दोनों खुराक ले चुके होंगे। सभी सक्षम मुसलमानों को अपने जीवनकाल में एक बार हज करने की जरूरत होती है। पिछले साल अक्‍टूबर महीने में सऊदी अरब ने विदेशी तीर्थयात्रियों के लिए बंद 'उमरा' (इस्लामिक तीर्थ यात्रियों का मक्का आना) को कुछ शर्तों और पाबंदियों के साथ अनुमति दी थी।

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