वैक्सीन को लेकर छिड़ी राजनीति के बीच कुछ विपक्षी नेताओं की ओर से वैक्सीन पर पांच फीसद जीएसटी हटाने की मांग शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो तीखा तंज कसते हुए यहां तक कह दिया कि लोगों की जान जा रही है और सरकार टैक्स वसूल रही है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसी मांग करने वाले नेताओं को जीएसटी का गणित समझाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि जीएसटी हटाने से वैक्सीन सस्ती होने के बजाय महंगी हो जाएगी। इसका भार उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
वैक्सीन पर पांच फीसद जीएसटी मैन्यूफैक्चरर्स और जनता दोनों के हित में
दो दिन पहले राहुल के राजनीतिक आरोपों पर तो सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी, लेकिन ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री को कोरोना महामारी से संबंधित वस्तुओं पर टैक्स हटाने के आग्रह पर प्रतिक्रिया में कई ट्वीट करते हुए वित्त मंत्री ने स्थिति साफ कर दी कि वैक्सीन पर जीएसटी दरअसल उपभोक्ताओं के लिए इसे सस्ता बनाती है। सीतारमण ने कहा कि वैक्सीन पर लगने वाली जीएसटी को हटा लिया जाए तो वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर्स इनपुट टैक्स क्रेडिट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे, जिससे लागत बढ़ेगी और वे वैक्सीन की कीमत बढ़ा देंगे। बढ़ी हुई कीमत की वसूली उपभोक्ताओं से की जाएगी।
जाहिर है कि विपक्ष ने जीएसटी को समझे बगैर ही आरोप लगा दिया।वित्त मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोरोना राहत से जुड़ी सभी वस्तुओं के आयात पर लगने वाली कस्टम्स ड्यूटी व हेल्थ सेस को समाप्त कर दिया है और इन्हें आइजीएसटी से भी राहत दी गई है। इनमें आक्सीजन से संबंधित सभी प्रकार की वस्तुएं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, वेंटिलेटर से जुड़ी वस्तुएं और वैक्सीन शामिल हैं।