Narada Sting Operation Case: जमानत पर हाई कोर्ट की रोक के बाद चला ड्रामा, देर रात में प्रेसिडेंसी जेल भेजे गए चारों गिरफ्तार नेता

नारद स्टिंग कांड में सीबीआइ द्वारा बंगाल के दो हेवीवेट मंत्री, एक विधायक और एक पूर्व मंत्री को सोमवार सुबह गिरफ्तार किए जाने के बाद दिनभर राजनीतिक बवाल व विरोध प्रदर्शन चलता रहा। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार देर रात नारद स्टिंग केस में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं को जमानत दिए जाने वाले आदेश पर रोक लगा दी। इसके पहले इन चारों नेताओं को निचली अदालत से शाम में जमानत मिल गई थी। इसके खिलाफ सीबीआइ रात में ही हाई कोर्ट पहुंच गई। सुनवाई के बाद रात करीब 10:30 बजे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने इन चारों नेताओं की जमानत पर रोक लगा दी और उन्हें तीन दिनों की जेल हिरासत में भेजने का निर्देश दिया।

इस नाटकीय घटनाक्रम के बाद रात भर कोलकाता में ड्रामा चलता रहा। हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर रोक लगाए जाने की खबर जैसे ही तृणमूल कार्यकर्ताओं को लगी, वह फिर से निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ कार्यालय के बाहर जमा हो गए और प्रदर्शन व नारेबाजी करने लगे।इस बीच कड़ी सुरक्षा में देर रात लगभग 1:30 बजे गिरफ्तार चारों नेताओं को सीबीआइ दफ्तर से प्रेसिडेंसी जेल में शिफ्ट किया गया।प्रेसिडेंसी जेल के बाहर भी बड़ी संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता जमा हो गए थे। इसको देखते हुए यहां पहले से पुलिस ने बैरिकेडिंग कर बड़ी संख्या में जवानों को सुरक्षा में तैनात कर दिया था। इस तरह राज्य के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी व फिरहाद हकीम, विधायक मदन मित्रा एवं पूर्व मंत्री शोभन चटर्जी की जेल में पहली रात कटी।

गौरतलब है कि अब मामले में अगली सुनवाई 19 मई, बुधवार को हाई कोर्ट में होगी। तब तक इन चारों नेताओं को जेल में ही रहना होगा। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इसके पहले हाई कोर्ट का रुख किया और एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि वो यहां ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं और उनकी जांच प्रभावित हो रही है।

इसके पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं ने सोमवार सुबह से लेकर पूरे दिन भर कोलकाता सहित राज्यभर में सीबीआइ की कार्रवाई के विरोध में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। कोलकाता में सीबीआइ दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में जमा टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से दिन में केंद्रीय बलों पर पथराव भी किया गया था। साथ ही उन पर बोतलें भी फेंकी गई। इसके बाद हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज भी किया था। वहीं सीबीआइ दफ्तर के अंदर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लंबे समय तक यानी करीब छह घंटे तक अपने नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में बैठी रहीं। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने यहां झंडे लहराए और सीबीआइ तथा केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, प्रदर्शन को देखते हुए सीबीआइ दफ्तर के बाहर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है तथा परिसर में अवरोधक लगाए गए हैं। कोलकाता पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं।

गौरतलब है कि नाटकीय घटनाक्रम में सीबीआइ ने सोमवार सुबह बिना किसी पूर्व सूचना व नोटिस के तृणमूल कांग्रेस के नेता फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारद स्टिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। नारद स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था। यह वीडियो टेप साल 2016 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सामने आया था, जिसके बाद राज्य की राजनीति में भी हलचल मच गई थी। 2017 में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही है। 


Previous Post Next Post
युवा शक्ति न्यूज - Yuva Shakti News
युवा शक्ति न्यूज - Yuva Shakti News