रूसी वैक्सीन Sputnik-V को भारत में मिली मंजूरी, जानें- अन्य वैक्सीन से कितनी है अलग, क्यों पड़ा नाम

देश में तीसरी कोरोना वैक्सीन के रूप में रूस की स्पुतनिक-वी को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। दवा नियामक ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने स्पुतनिक-वी को पूरी तरह सुरक्षित और संक्रमण रोकने में कारगर पाए जाने के बाद ही इसे हरी झंडी दी। रूसी वैक्सीन परीक्षण में 91.6 फीसद कारगर पाई गई है। हालांकि इसकी कीमत को लेकर कोई अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि अब तक की सबसे प्रभावी इस वैक्सीन को 59 देशों में इजाजत मिल चुकी है। 

ऐसी है स्पुतनिक-वी वैक्सीन

स्पुतनिक-वी वेक्टर आधारित वैक्सीन है। इसमें एडेनोवायरस--5 व एडेनोवायरस--26 का इस्तेमाल किया गया है, जो कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन को खत्म करते हैं। एस्ट्राजेनेका व जॉनसन एंड जॉनसन आदि कंपनियों ने भी अपनी वैक्सीन में इन्हीं में से किसी एक वेक्टर का इस्तेमाल किया है।

भंडारण में नहीं होगी परेशानी

रूस की इस वैक्सीन को 2--8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सकता है। इसका मतलब हुआ कि इसके भंडारण में दिक्कत नहीं आएगी। वैक्सीन की यह खासियत उसे भारत के लिए ज्यादा उपयोगी बनाती है।

ऐसे हुआ परीक्षण

रूस में तीसरे दौर के परीक्षण परिणाम में स्पुतनिक-वी वैक्सीन 91.6 फीसद तक प्रभावी पाई गई। लांसेट पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन का कुल 19,866 लोगों पर परीक्षण किया गया। इनमें 14,964 लोगों को वैक्सीन लगाई गई थी, जबकि 4,902 पर प्लेसबो (डमी) का इस्तेमाल किया गया था। सभी को 21 दिनों के अंतराल पर दो खुराक दी गई। इनमें कुल 78 लोग कोरोना संक्रमित हुए। 62 प्लेसबो वाले समूह से थे और 16 वैक्सीन वाले समूह से। इसी आधार पर वैक्सीन का प्रभाव तय किया गया।

रूसी शब्द स्पुतनिक की उत्पत्ति पुत से हुई है, जिसका अर्थ है रास्ता। पुत से पहले लगने वाले एस का मतलब है साथी या सहयोगी। बाद में लगने वाले निक का अर्थ है व्यक्ति। इस प्रकार स्पुतनिक का अर्थ हुआ रास्ते का साथी। यह बहुत लोकप्रिय शब्द है। मसलन, रूस में एक शब्द है स्पुतनिक झिजनी। इसका अर्थ है जीवन साथी यानी पत्नी या पति। 


Previous Post Next Post
युवा शक्ति न्यूज - Yuva Shakti News
युवा शक्ति न्यूज - Yuva Shakti News