अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा इस वर्ष के लिए वैश्विक विकास दर छह फीसद रखने के अनुमान लगाने के एक दिन बाद आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टीन जॉर्जीवा ने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बाद फिलहाल रिकवरी का दौर है। हाल-फिलहाल में कोरोना के टीका लगने और अमेरिका में बेहतर नीति समर्थन के कारण ऐसा संभव हो पाया है। जॉर्जीवा ने कहा कि रिकवरी में पिछले एक साल में की गई असाधारण और समन्वित क्रियाओं के बदौलत ऐसा संभव हो पाया है।
उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की सबसे खराब वैश्विक मंदी के बाद सुधार हो रहा है। जॉर्जीवा ने कहा, कल हमने इसके लिए अपने वैश्विक विकास पूर्वानुमान को 6 फीसद तक बढ़ा दिया था। 2022 के लिए 4.4 जॉर्जीवा ने बुधवार को आईएमएफ और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन की अगुवाई में बड़ी संख्या में उन्नत और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाएं आगे बढ़ रही हैं। कमजोर और गरीब देश इस मल्टी स्पीड रिकवरी में पिछड़ते जा रहे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए देश के कई राज्यों में स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास ने इस बारे में स्पष्ट आगाह किया है कि स्थानीय स्तर पर लगाए जा रहे लॉकडाउन से मांग पर उलटा असर होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर के 10.5 फीसद पर रहने के अपने पूर्व के अनुमान को बनाए रखा है।
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