शवों की कतार और बारी का इंतजार। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मौतों का सिलसिला जारी है। पटना के बांसघाट विद्युत शवदाह गृह में बीते दिन तक 42 घंटे के दौरान 43 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है। रविवार की रात 12 बजे से सोमवार की रात 12 बजे तक 24 शव जलाए गए। सोमवार की रात से मंगलवार की शाम 19 शव जलाए जा चुके थे। जबकि, 10 शव इसके बाद भी जलाए गए। दाह संस्कार के लिए आठ से 10 घंटों तक का इंतजार करना पड़ रहा है। पटना नगर निगम ने संक्रमितों के शवों को जलाने के लिए अलग टीम तैनात की है। पटना में तीन विद्युत शवदाह गृहों में कोरोना संक्रमितों के शवों को जलाने की व्यवस्था है।
दो माह से बंद है खाजेकलां घाट विद्युत शवदाह गृह
पटना का खाजेकलां घाट विद्युत शवदाह गृह दो माह से बंद है। इसे कुछ माह पहले चालू कराया गया था। यहां भी संक्रमितों का शव जलाना है। खराब रहने के कारण यहां शव नहीं जलाए जा सकते हैं।
गुलबी घाट व बांसघाट पर जलाए जा रहे संक्रमितों के शव
गुलबीघाट विद्युत शवदाह गृह में बीते दिन दो संक्रमितों के शव पहुंचे थे। गुलबी घाट पर भी संक्रमितों के शवों को जलाने की व्यवस्था की गई है। यहां दो में से एक विद्युत शवदाह गृह चल रहा है। बीते दो दिन में यहां दो संक्रमितों के शव जलाए गए। एक सोमवार और दूसरा मंगलवार को जलाया गया। गुलबीघाट पर शव नहीं लाए जा रहे हैं। बांसघाट के शवदाह गृह में अस्पताल से सीधे शव पहुंचाए जाने के कारण लोड बढ़ गया है। बांसघाट में शव जलाने के लिए दो मशीनें लगी हैं। इनमें से दूसरी मशीन बनकर तैयार है, जिसे चालू करने पर राहत मिल सकती है।
बांसघाट पर शवों का लोड बढ़ने से स्थिति बनी गंभीर
पटना नगर निगम,पाटलिपुत्र अंचल,की कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिभा सिन्हा का कहना है कि सभी शव बांसघाट पर आने से गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मौत होने पर भी शव बांसघाट ही पहुंचाए जा रहे हैं। जबकि, अन्य शवदाह गृहों में भी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा और सिटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार का ध्यान आकृष्ट कराकर शवों को अन्य घाटों पर भेजने का आग्रह किया गया है।
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