बंगाल में कुछ पर्यवेक्षकों और एक पीठासीन अधिकारी सहित 10 से अधिक चुनाव अधिकारियों को कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद ड्यूटी से हटाया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा, ‘कई अधिकारियों को कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद ड्यूटी से हटा दिया गया है। हमने कुछ पर्यवेक्षकों को भी बदला है जो बंगाल में आने से पहले संक्रमित हो गए थे और उन लोगों को भी बदला है जो यहां आकर संक्रमित हुए हैं। स्वाभाविक रूप से उन्हें बदल दिया गया है।’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का पूरे राज्य में कड़ाई से पालन किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने हर तरह के उपाय किए हैं। हमने सभी से मास्क पहनने और सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा है।’ उन्होंने कहा कि राज्य में चुनावी प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारियों के टीकाकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। बहरहाल, बंगाल में छह अप्रैल को 31 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले चुनाव के तीसरे चरण में 205 उम्मीदवारों का नामांकन वैध पाया गया है।
इसमें चुनावी ड्यूटी पर बंगाल आए दो पर्यवेक्षक कोरोना संक्रमित होकर लौट गए हैं। संक्रमितों में एक महिला व एक पुरूष शामिल हैं। चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों कोरोना का टीका लगवाकर ही चुनावी ड्यूटी पर आए थे। इसके बावजूद वे कोरोना संक्रमित हो गए। अजय ए. महाजन नामक पर्यवेक्षक को पुरुलिया जिले के बागमुंडी व जयपुर विधानसभा केंद्रों में ड्यूटी पर लगाया गया था। इसी तरह महिला पर्यवेक्षक कूचबिहार जिले में चुनावी ड्यूटी पर थी।
आयोग सूत्रों ने बताया कि चुनाव पर्यवेक्षकों को आमतौर पर ज्यादा भीड़ में रहने वाला काम नहीं है। कहीं से कोई शिकायत मिलने पर वे वहां जाते हैं और चुनाव की तैयारियों पर नजर रखते हैं, हालांकि लेकिन इस बार उनकी जिम्मेदारी बढ़ी है। केंद्रीय बलों की तैनाती के मामले में भी इस बार उन्हें जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करना पड़ रहा है। चुनाव आयोग की तरफ से राज्य प्रशासन को कोरोना से संबंधित स्वास्थ्य दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। चुनावकर्मियों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। गौरतलब है कि बंगाल विधानसभा चुनाव में इस बार पर्यवेक्षकों की संख्या भी काफी बढ़ाई गई है।
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