प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के लिए यह राहत देने वाली खबर है। कोरोना महामारी के चलते बंद रहे विद्यालयों में पढ़ाई बाधित रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार ने बच्चों के हित में और उनके भविष्य को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने बिना परीक्षा कराये संबंधित कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत कर दिया है ताकि अप्रैल से आरंभ हो रहे नये शैक्षणिक सत्र में बच्चों की पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रहे। शिक्षा विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।
कोविड में नियम किया गया शिथिल
शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज द्वारा जारी आदेश के मुताबिक बिहार राज्य बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा (संशोधन) नियमावली,2019 के नियम-10 (क) को शिथिल कर बच्चों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत देने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से सरकारी विद्यालयों में अध्यययनरत 1.66 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा। शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत कक्षा 1 से 4 और 6 से 7 तक में सत्र के अंत में बच्चों का मूल्यांकन किया जाता है और कक्षा में प्रोन्नति हेतु वार्षिक परीक्षा की अनिवार्यता नहीं है। जबकि कक्षा 5 से 6 में और कक्षा 8 से 9 में छात्र-छात्राओं को जाने के लिए वार्षिक परीक्षा जरूरी है। लेकिन, आरटीई में नियम को शिथिल करते हुए विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिये अगली कक्षा में प्रोन्नत किया गया है।
अप्रैल से जून तक बच्चों के लिए कैचअप कोर्स
बिना परीक्षा अगली कक्षा में प्रोन्नत किए गए बच्चों के लिए अप्रैल से जून तक कैचअप कोर्स चलेगा। यह कोर्स बच्चों की पिछली कक्षा के विषय से संबंधित होंगे जो पढ़ाए जाएंगे ताकि अगली कक्षा के पाठ्यक्रम को पढऩे-समझने में दिक्कत नहीं हो। 5 अप्रैल से बच्चों को कैचअप कोर्स शुरू किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार की ओर से आदेश दिया गया है और इससे पहले सारी तैयारियां सुनिश्चित करने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है।
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