फिच रेटिंग्स ने भारत की जीडीपी विकास दर में सुधार किया है। अगले वित्त वर्ष 2021-22 के ताजा आकलन में इसे बढ़ाकर 12.8 फीसद किया गया है। इससे पहले इस अवधि में विकास दर 11 फीसद रहने का अनुमान व्यक्त किया गया था। ताजा आकलन जारी करते हुए रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी से सुधार हुआ है। कोरोना की रोकथाम के प्रयास भी दिखे हैं।
फिच ने कहा कि मजबूत पूर्व प्रभाव, राजकोषीय रुख और संक्रमण पर बेहतर तरीके से रोक लगाने में सफलता की वजह से उसने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में बदलाव किया है। रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, 2020 की दूसरी छमाही में पुनरुद्धार से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अपने महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में 2021-22 के वृद्धि दर के अनुमान को 11 फीसद से बदलकर 12.8 फीसद कर दिया गया है।
रेटिंग एजेंसी के अनुसार 2020 के कैलेंडर साल की दूसरी तिमाही कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया था जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई थी। लेकिन उसके बाद इसमें अधिक तेजी से ग्रोथ आया। फिच ने कहा कि वर्ष 2020 के अंतिम महीनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी रही, जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है। उसने कहा कि अर्थव्यवस्था पर राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में ढील का असर रहा है।
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