मई-जून तक एयर इंडिया के निजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है। कई बोलीकर्ताओं ने एयर इंडिया को खरीदने में रुचि दिखाई है और उनमें से कुछ को शॉर्टलिस्ट भी किया जा चुका है। विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को यह बात कही। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक बैठक में यह निर्णय हुआ है कि एयर इंडिया के लिए फाइनेंशियल बिड 64 दिन में पूरी कर ली जाएगी। एयर इंडिया पर अब भी 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। पूरी ने कहा कि सरकार ने एयर इंडिया को पूरी तरह बेचने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इसका निजीकरण करने या फिर इसे बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं हैं।
पुरी ने कहा, 'हमने फैसला किया है कि इंयर इंडिया का 100 फीसदी निजीकरण किया जाएगा। इसमें निजीकरण या नॉन-निजीकरण की चॉइस नहीं है। सरकार के पास इस एयरलाइन का विनिवेश करने या फिर इसे बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं हैं। एयर इंडिया फर्स्ट क्लास एसेट है, लेकिन कंपनी पर 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है।'
पुरी ने कहा कि पवन हंस की विनिवेश प्रक्रिया भी आगे बढ़ रही है। इस दिशा में भी जल्द प्रगति दिखेगी। कोरोना काल में हवाई सेवाओं पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर के कारण 100 फीसद संचालन नहीं हो पा रहा है। मार्च के आखिर से सभी विमानन सेवाएं बहाल करने की तैयारी थी। हालांकि, अभी स्थितियां फिर मुश्किल हुई हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा के लिए विमान सबसे सुरक्षित विकल्प है। यात्रा के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखी जा रही है।
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