सीएम नीतीश कुमार ने ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का किया उद्घाटन


पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का उद्घाटन किया।

आत्मनिर्भर बिहार के 7 निश्चय पार्ट-खख के तहत ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई-संजीवनी, अश्विन, 102 एम्बुलेंस ट्रैकिंग सिस्टम और वंडर ऐप का शुभारंभ किया गया। साथ ही जीविका दीदी की रसोई का स्वास्थ्य विभाग, बिहार के साथ एमओयू पर भी हस्ताक्षर किया गया।

प्रदेश में 1,723 सेंटर पर मरीजों को इसकी सुविधा मिलेगी। इसके बाद मार्च के अंत तक तीन हजार स्वास्थ्य केंद्रों तक ई-संजीवनी की व्यवस्था होगी। फिलहाल, सप्ताह में तीन दिन सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक मरीजों को ऑनलाइन परामर्श दिया जाएगा।

ई-संजीवनी के जरिए ग्रामीण इलाकों के मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएंगी। दूर-दराज इलाकों के मरीजों का पास के अस्पताल में ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बड़े अस्पतालों के डॉक्टर इलाज करेंगे। इससे लोगों के पैसे और समय की बचत होगी। उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

सीएम नीतीश ने वंडर एप की भी शुरुआत की। प्रथम चरण में कुछ जिलों के लिए किया गया है। इसके बाद इसका विस्तार होगा। इसके जरिए एंबुलेंस की ट्रैकिंग की जाएगी। परिजन अपने मरीज की एंबुलेंस के साथ ट्रैकिंग कर सकते हैं। इस एप्लीकेशन से अधिकारी एम्बुलेंस की रियल टाइम ट्रैकिंग कर सकेंगे।

102 एंबुलेंस अब आसानी से हर किसी के लिए सुलभ होगी। लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए इन्हें मोबाइल एप से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम के साथ ही एंबुलेंस के लिए कॉल करने वालों को मिलती रहेगी। जैसे ही कोई मरीज या परिजन 102 एंबुलेंस के लिए कॉल करेगा, संबंधित के पास मैसेज चला जाएगा। इसमें चालक, टेक्नीशियन के मोबाइल नंबर, एंबुलेंस के नंबर लिंक होंगे।

इस लिंक को खोलने पर एंबुलेंस की लाइव लोकेशन मिलती रहेगी। आशा के लिए अश्विन पोर्टल की होगी लांचिंग आशा कार्यकर्ताओं के लिए अश्विन पोर्टल की लांचिंग की गई। इसके जरिए आशा वर्कर परफारमेंस एंड इंसेंटिव पोर्टल के माध्यम से आशा अपना दावा प्रपत्र एवं अश्विन पोर्टल पर लोड करेगी। साथ ही उनकी सैलरी की भी जानकारी ऑनलाइन दी जाएगी।  


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