रीयल इस्टेट अपीलेंट ट्रिब्यूनल (Real Estate Appealent Tribunal) बिहार ने फ्लैट खरीदने वाले ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी (fraud in purchase of flat) करने के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए अग्रणी होम्स (Agrani Homes) के एमडी आलोक कुमार और निदेशकों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। ट्रिब्यूनल के चेयरमैन न्यायाधीश अरुण कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार को यह आदेश दिया।
रेरा ने आम लोगों के करोड़ो रुपये लौटाने का दिया था आदेश
रिएट ने रीयल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (Real Estate Regulatory Authority) बिहार के आदेश को बरकरार रखते हुए फ्लैट दिलाने के नाम पर आम लोगों से वसूल किए गए करोड़ों रुपये वापस करने का आदेश अग्रणी होम्स को दिया था। रेरा के आदेश के खिलाफ ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की गई थी। अग्रणी होम्स ने आम लोगों के पैसे रेरा के खाते में जमा नहीं किया तो ट्रिब्यूनल ने इसे गंभीरता से लेते हुए रेरा को आपराधिक मुकदमा (criminal case) दर्ज कराने का आदेश दिया। रेरा एक्ट की धारा 64 और 80 के तहत ट्रिब्यूनल ने यह कदम उठाया है। इस आदेश से सैकड़ों फ्लैट बुक कराने वालों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
आम लोगों की गाढ़ी कमाई की लूट की इजाजत नहीं
रीएट चेयरमैन अरुण कुमार, तकनीकी सदस्य अरविंद महादेव और प्रशासनिक सदस्य सुनील कुमार सिंह ने अपने आदेश में कहा है कि आम लोगों की गाढ़ी कमाई को फ्लैट दिलाने के नाम पर लूटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। अग्रणी होम्स को हर हाल में राशि वापस करनी होगी। ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी रेरा पर है। ट्रिब्यूनल के इस आदेश के बाद रेरा की ओर से निचली अदालत में अग्रणी होम्स के खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा। रीएट ने चार मामले में लंबी सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है।
अग्रणी ने रेरा के आदेश की अनदेखी की
बता दें कि अग्रणी के खिलाफ रेरा में करीब 12 सौ मामले लंबित हैं। सोमवार को फिर रेरा में सुनवाई होनी है। अग्रणी होम्स के एमडी आलोक कुमार पर आरोप है कि रेरा के आदेश पर जमीन, मुख्यालय और कार्यालय बेच कर राशि रेरा के खाते में जमा नहीं की। सैकड़ों लोग रेरा कार्यालय में चक्कर लगने को मजबूर हैं। रेरा अब रूबन हॉस्पिटल पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है।
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