आलू, प्याज और टमाटर ने बिगाड़ा बजट, अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 6 साल में सबसे ऊपर


त्योहारों के बीच फल और सब्जियों की महंगाई से हर घर का बजट बिगड़ गया है. खासकर आलू, प्याज और टमाटर के भाव बढ़ने से खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 6 साल के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, मई 2014 के बाद इस साल अक्टूबर में लोगों पर सबसे अधिक महंगाई की मार पड़ी है. 

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर- 2020 में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.61 फीसदी हो गई है. जो पिछले महीने यानी सितंबर 2020 में 7.27 फीसदी थी. खाने का सामान सस्ता होने से अगस्त- 2020 में खुदरा महंगाई दर 6.69 फीसदी पर आ गई थी.

खाद्य महंगाई दर 11 फीसदी पर पहुंची

दरअसल खाद्य पदार्थों की कीमतों में भारी इजाफे के कारण अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़ी है. अक्टूबर में खाद्य महंगाई दर 11 फीसदी पर पहुंच गई है. सब्जियों और दालों की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते खुदरा मुद्रास्फीति में तेज उछाल आया है. खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में 10.68 फीसदी थी जो अगस्त में 9.05 फीसदी के स्तर पर थी.

वहीं कोरोना संकट के बीच इस साल लगातार 7वें महीने खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के सुविधाजनक दायरे से ऊपर रही है. सरकार ने RBI को खुदरा महंगाई की दर को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने को कहा है. मुद्रास्फीति अगर 6 फीसदी से अधिक होती है तो इससे लोगों पर महंगाई की मार पड़ती है.

ब्याज दर कम होने की उम्मीदों को झटका

वहीं खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को झटका लगा है. महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अब ब्याज दर घटाकर ग्रोथ को बूस्ट देने की कोशिश और मुश्किल हो सकती है.

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में सुधार

इस बीच औद्योगिक जगत से अच्छी खबर आई है. देश के औद्योगिक उत्पादन में लगातार 6 महीने तक गिरावट रहने के बाद पहली बार सितंबर में बढ़ोतरी देखने को मिली है. सितंबर में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में 0.2% की वृद्धि दर्ज की गई. इलेक्ट्रिसिटी और माइनिंग सेक्टर में ग्रोथ दर्ज की गई है.

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में सुधार से अर्थव्यवस्था में रिकवरी का संकेत समझा जा सकता है. इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन (IIP) के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में 0.6 फीसदी गिरावट रही. खनन क्षेत्र का उत्पादन 1.4 फीसदी बढ़ा. बिजली उत्पादन 4.9 फीसदी बढ़ा. पिछले साल सितंबर में IIP में 4.6 फीसदी गिरावट रही थी.


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