लॉकडाउन में लोगों को आर्थिक तौर पर राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ने लोन की EMI भुगतान टालने (मोरेटोरियम) की सुविधा दी थी. बीते मार्च से शुरू हुई ये सुविधा 31 अगस्त तक यानी कुल 6 महीने के लिए थी. 31 अगस्त तक मोरेटोरियम का लाभ लेने वाले लोगों को अब एक और राहत मिली है. आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में..
क्या है मामला
आरबीआई ने मार्च में लोगों को मोरेटोरियम यानी लोन की ईएमआई 3 महीने के लिए टालने की सुविधा दी थी. बाद में इसे 3 महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए कर दिया गया. आरबीआई ने कहा था कि लोन की किस्त 6 महीने नहीं चुकाएंगे, तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा. हालांकि, इसके साथ ये शर्त भी रख दी गई कि मोरेटोरियम के बाद बकाया पेमेंट पर पूरा ब्याज देना पड़ेगा. मतलब ये कि मोरेटोरियम सुविधा खत्म होने के बाद पिछले 6 माह की लोन के ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लगेगा.
उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि अरुण ने अपने 6 लाख रुपये के ऑटो लोन पर छह महीने के लिए मोरेटोरियम की सुविधा ली थी. अरुण ने जब मोरेटोरियम की सुविधा ली तब 54 महीनों की किस्त बाकी थी. अरुण पर अतिरिक्त ब्याज लगभग 36,000 रुपये बनता है, जो लगभग 3 ईएमआई के बराबर होगा. आपको यहां बता दें कि ये कैलकुलेशन सरकारी बैंक एसबीआई के ऑटो लोन का है.
होम लोन के मामले में
मान लीजिए कि कबीर ने 30 लाख रुपये के एसबीआई होम लोन पर छह माह के मोरेटोरियम की सुविधा ली थी. कबीर के होम लोन के खत्म होने में 15 साल का समय बचा है. लेकिन मोरेटोरियम की सुविधा की वजह से कबीर पर अतिरिक्त ब्याज लगभग 4.54 लाख रुपये बनता है जो 16 ईएमआई के बराबर होगा.
कोर्ट की सख्ती पर मिली राहत
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद सरकार की ओर से बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड के मोरेटोरियम पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज पर राहत दी गई है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
बता दें कि बीते अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं, इस बारे में हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करे. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते. लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा. आपको यहां बता दें कि मोरेटोरियम के ब्याज पर ब्याज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. इसी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था.
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