kolkata Metro: फूलबागान मेट्रो स्टेशन का आज उद्घघाटन, रेल मंत्री पीयूष गोयल दिखाएंगे हरी झंडी

महानगर में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में रविवार को एक और अध्याय जुड़ने जा रहा है। साल्टलेक सेक्टर-5 से खुलने वाली ईस्ट-वेस्ट मेट्रो अब सियालदह के पास फूलबागान मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेगी। रविवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फूलबागान मेट्रो स्टेशन एवं यहां तक मेट्रो सेवा के विस्तार का उद्घघाटन करेंगे।

फूलबगान ईस्ट वेस्ट मेट्रो का पहला अंडरग्राउंड स्टेशन होगा। उद्घाटन के बाद पांच अक्तूबर यानी सोमवार से इस स्टेशन को यात्रियों के लिए खोल दिया जायेगा। फूलबागान मेट्रो स्टेशन के शुरू होने से ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर में स्टेशनों की संख्या छह से बढ़कर सात हो जायेगी। सेक्टर-5 से फूलबागान तक आने में सिर्फ 16 मिनट लगेंगे। इसके लिए 20 रुपये किराया लगेगा। मालूम रहे कि गुरुवार को मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक मनोज जोशी ने फूलबागान स्टेशन का दौरा किया था।

इस साल फरवरी में हुआ था ईस्ट वेस्ट मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन

गौरतलब है कि इस साल फरवरी में ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के पहले चरण का उद्घघाटन हुआ था। रेल मंत्री पीयूष गोयल खुद इसके उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। पहले चरण में सेक्टर-5 से साल्टलेक स्टेडियम तक ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की शुरूआत हुई थी। इसमें कुल 6 स्टेशन हैं जिनमें सेक्टर 5 के बाद करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर, बंगाल केमिकल व साल्टलेक स्टेडियम पड़ता है। करीब सात महीने बाद दो किलोमीटर का विस्तार करते हुए अब इसे फूलबागान मेट्रो स्टेशन तक इसमें जोड़ दिया गया है।

साल 2011 में फूलबागान मेट्रो स्टेशन का शुरू हुआ था निर्माण कार्य

मेट्रो रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2011 में फूलबागान मेट्रो स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 2014 में काम का पहला पड़ाव संपन्न हुआ। पिछले वर्ष 2019 में ट्रायल रन पूरा हुआ। इस साल जून महीने में चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने भी मेट्रो स्टेशन का निरीक्षण कर हरी झंडी दी। उम्मीद जतायी जा रही है कि फूलबागान तक सेवा का विस्तार होने से ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा। 14 सिंतबर से कोलकाता में फिर से मेट्रो सेवा शुरू हुई है। नार्थ-साउथ सेक्शन में यात्रियों की संख्या भले ही धीरे-धीरे बढ़ रही हो, लेकिन ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में यात्रियों की संख्या अपेक्षा से बहुत कम है। यही कारण है कि इस रूट में पहले अप व डाउन मिलाकर 72 ट्रेनें चल रही थी, लेकिन यात्रियों की भीड़ नहीं जुटने से ट्रेनों की संख्या घटाकर 48 कर दी गई और दो ट्रेनों के बीच का अंतराल 20 मिनट से बढ़ाकर 30 मिनट कर दिया गया। 


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