चीन के साथ तनातनी के बीच भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में 20 से ज्यादा चोटियों पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। सूत्रों का कहना है कि सोमवार को दोनों देशों के बीच छठे दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता प्रस्तावित है। इन चोटियों पर पकड़ से वार्ता से पहले भारत को सामरिक बढ़त मिली है। सूत्रों के मुताबिक, इस वार्ता में पूरी तरह से सेनाएं हटाने और पूर्वी लद्दाख में शांति स्थापित करने की दिशा में बनी सहमतियों को लागू करने पर चर्चा होगी। दोनों पक्षों के बीच मोल्डो में सुबह नौ बजे वार्ता शुरू होनी है।
चीनी सेना की हरकतों पर नजर
बताया जा रहा है कि पहली बार भारतीय प्रतिनिधियों में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी भी वार्ता का हिस्सा हो सकते हैं। भारत इस वार्ता से किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद कर रहा है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 29 अगस्त से सितंबर के दूसरे हफ्ते के बीच भारतीय सेना मागर हिल, गुरुंग हिल, रेचन ला, रेजांग ला, मुखपरी और फिंगर 4 के नजदीक एक ऊंची चोटी पर काबिज हुई है। रणनीतिक रूप से अहम इन चोटियों से चीनी सेना की हरकतों पर नजर रखना आसान हुआ है। सभी चोटियां एलएसी पर भारतीय सीमा में हैं।
चोटियों पर कब्जे को लेकर भारत-चीन सीमा पर 45 साल बाद गोली चली
इन चोटियों पर कब्जे की चीन की कोशिशों के चलते ही एलएसी पर पिछले कुछ दिनों के भीतर तीन बार गोलियां चली हैं। एलएसी पर गोली चलने की घटना 45 साल बाद हुई है।चीन की आक्रामकता के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पर सक्रियता बढ़ा दी है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवाने की निगरानी में गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।
चोटियों पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन ने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी
इन चोटियों पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन ने रेजांग ला और रेचन ला के नजदीक अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। चीन की आक्रामकता के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवाने की निगरानी में गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है।
गलवन में हिंसक झड़प के बाद भारत ने सीमा पर हथियार प्रयोग नहीं करने की नीति में किया बदलाव
गलवन घाटी में चीनी सेना की चालबाजी के कारण जून में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने सीमा पर हथियार प्रयोग नहीं करने की नीति में भी बदलाव कर दिया है। गलवन में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे। विभिन्न रिपोर्टो में सामने आया है कि चीन के भी करीब 40 सैनिक इस घटना में मारे गए थे। हालांकि चीन ने आज तक अपने मारे गए सैनिकों की जानकारी नहीं दी है।
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