Serial Interval Of Novel Coronavirus: कोरोना संक्रमण पर वार में सीरियल इंटरवल मददगार


भारत समेत दुनियाभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इस बीच यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि सीरियल इंटरवल प्रबंधन के जरिये कोरोना संक्रमण की रफ्तार को बिना दवा के कम किया जा सकता है। क्या है सीरियल इंटरवल व उसके प्रबंधन से किस प्रकार कोरोना को काबू में किया जा सकता है, पढ़िए यह रिपोर्ट...

क्या है सीरियल इंटरवल? : किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत और उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति में इसके लक्षणों के प्रारंभ के बीच की अवधि को सीरियल इंटरवल कहा जाता है। उदाहरण के लिए, मोहन किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया और उसमें बीमारी के लक्षण दिखने लगे। इससे पहले सोहन उसके संपर्क में आ चुका था और एक अंतराल के बाद उसमें भी संक्रमण के लक्षण दिखने लगे। मोहन व सोहन में कोरोना संक्रमण के लक्षणों के दिखने के अंतराल को ही सीरियल इंटरवल कहा जाएगा।

कैसे रोकेगा कोरोना की रफ्तार? : बेंजमिन कार्उंलग व अन्य शोधकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय पत्रिका साइंस में प्रकाशित लेख में दावा किया है कि सीरियल इंटरवल के प्रबंधन के जरिये बिना किसी दवा के कोरोना संक्रमण की रफ्तार को कम किया जा सकता है। सीरियल इंटरवल संक्रमण की शुरुआत यानी किसी व्यक्ति के संपर्क में आने और उसमें लक्षण दिखाई देने, वायरस की मौजूदगी तथा किसी एक संक्रमित से अन्य लोगों के संक्रमित होने की संख्या पर निर्भर करता है। यह महामारी को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों के आकलन के साथ-साथ आबादी में रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास व रणनीति निर्धारण में भी मदद करता है। इसके जरिये कोरोना संक्रमित की जल्द पहचान करके उसे आइसोलेट किया जा सकता है और इस प्रकार संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है। सीरियल इंटरवल प्रबंधन के लिए मजबूत संपर्क निर्धारण प्रणाली, क्वारंटाइन सुविधा व आइसोलेशन प्रोटोकॉल आवश्यक है।

चीन व दक्षिण कोरिया को मिली सफलता : शोधकर्ताओं का दावा है कि सीरियल इंटरवल प्रबंधन के जरिये चीन ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोका है। पिछले एक महीने से ज्यादा समय से वहां कोरोना संक्रमण के स्थानीय प्रसार का कोई मामला सामने नहीं आया है। चीन में जनवरी की शुरुआत में सीरियल इंटरवल 7.8 दिन का था, जबकि फरवरी की शुरुआत में 2.6 दिन पर आ गया था। शोधकर्ता कहते हैं कि अगर संक्रमित के संपर्क में आने वालों की एक दिन के भीतर पहचान करके उसे आइसोलेट कर दिया जाए तो कोरोना के प्रसार को 60 फीसद तक कम किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी मानना है कि कोरोना का सीरियल इंटरवल 5-6 दिन होता है। इस बीच अगर संपर्क में आने वालों को क्वारंटाइन कर दिया जाए तो संक्रमण की शृंखला टूट सकती है। एक अन्य अध्ययन में दावा किया गया है कि दक्षिण कोरिया सीरियल इंटरवल को 3.63 दिन करने में सफल रहा, जिसके कारण वहां महामारी को काबू में करने में मदद मिली।


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