West Bengal : जूट मिलों के संगठन ने बंगाल सरकार से कच्चे माल की जमाखोरी रोकने का आग्रह किया

जूट उद्योग ने बंगाल सरकार से कच्चे जूट की जमाखोरी रोकने के लिये तलाशी अभियान चलाने का आग्रह किया है। उद्योग का दावा है कि जमाखोरी से कीमतों में उछाल आया है और कई मिलें बंद हो सकती हैं। इंडियन जूट मिल्स एसोसिएशन ने राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक को पत्र लिखकर कच्चे जूट की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश देने का आग्रह किया है।

एसोसिएशन ने कहा कि कच्चे जूट की टीडी 5 किस्म का मूल्य सितंबर में 5,500 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गया, जो जून में 4,325 रुपये प्रति क्विंटल था। कीमतों में वृद्धि को देखते हुए जूट आयुक्त कार्यालय ने हाल ही में कच्चा जूट रखने की सीमा 1,500 क्विंटल कर दी। मिलों के संगठन ने अगस्त में कच्चे जूट की जमाखोरी रोकने को लेकर राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी। इस बीच, जूट बेलर्स एसोसिएशन ने जूट आयुक्त द्वारा कच्चा जूट रखने को लेकर लगाये गये नियंत्रणकारी उपाय को हटाने का केंद्र से आग्रह किया है। उसका कहना है कि इससे किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाएगा।

सासंदों,विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए नई पीठों का गठन

कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने मौजूदा एवं पूर्व सांसदों और विधायकों की संलिप्तता वाले आपराधिक मामलों तथा ‘पोंजी स्कीम’ से संबंधित विषयों की सुनवाई के लिए दो खंडपीठ और एक एकल पीठ का गठन किया है।

उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है। इस तरह के मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के मकसद से मुख्य न्यायाधीश बी एन राधाकृष्णन ने इन पीठों का गठन किया। रजिस्ट्रार जनरल राय चट्टोपाध्याय ने जारी एक अधिसूचना में कहा कि न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति एस. घोष की खंडपीठ के अलावा न्यायमूर्ति बिबेक चौधरी की एकल पीठ सोमवार से उन आपराधिक मामलों की सुनवाई करेंगी, जो विधायकों और सांसदों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति जॉय सेनगुप्ता की खंडपीठ 25 सितंबर से पोंजी स्कीम से संबंधित मामलों की सुनवाई करेगी। 


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