कांग्रेस में नहीं खत्म हुआ अंदरुनी विवाद, कुछ ने पीछे खींचे कदम तो कुछ लड़ाई रखेंगे जारी


कांग्रेस का अंदरुनी विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाला एक धड़ा अभी भी संगठन में बदलाव की पैरवी कर रहा है. हालांकि, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के सख्त रुख के कारण इस धड़े के कई नेताओं ने अपने पैर पीछे खींच लिए हैं.

दरअसल, गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल समेत 23 नेताओं ने पिछले हफ्ते सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर संगठन में बदलाव की मांग की थी. इस चिट्ठी को लेकर काफी बवाल हुआ था और बकायदा कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई. बैठक में चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर हाईकमान ने नाराजगी जताई थी.

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में प्रस्ताव पास हुआ था कि सोनिया गांधी ही अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी. वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद चिट्ठी लिकने वाले कई नेताओं ने अपने पैर पीछे खींच लिए तो कई अभी भी संगठन में बदलाव की मांग को अपनी लड़ाई जारी रखने वाले हैं.

इंडिया टुडे से बात करते हुए चिट्ठी लिखने वाले एक नेता ने कहा कि हमारी एक भी मांग को नहीं माना गया, हम आवाज उठाते रहेंगे. शशि थरूर जैसे नेताओं ने खुलेआम इस मामले को खत्म करने के लिए कहा, जबकि गुलाम नबी आजाद जैसे अन्य नेता चुनाव के माध्यम से पूर्णकालिक नेता की मांग पर अड़े हुए हैं.

चिट्ठी लिखने वाले एक नेता ने कहा, 'अधिक नेताओं ने हमारे साथ एकजुटता व्यक्त की है, हमारा समर्थन बढ़ रहा है, यह किसी व्यक्ति के बारे में नहीं है, बल्कि पार्टी के बारे में है.' वहीं, चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में से जितिन प्रसाद और अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा था कि यह मामला अब बंद हो गया है.

कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी मामलों पर अपनी निराशा व्यक्त की है. माना जा रहा है कि कांग्रेस में नेतृत्व विवाद की आग को भले ही बुझाने की कोशिश की गई हो, लेकिन चिंगारी अभी बाकी है और यह कभी भी आग की शक्ल ले सकती है.

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