Anil Ambani से SBI वसूलेगा 1,200 करोड़ रुपये, आरकॉम और रिलायंस इन्फ्राटेल को दिया था कर्ज


नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। यह प्रक्रिया दिवालिया कानून की व्यक्तिगत गारंटी से संबंधित धारा के तहत शुरू की गई है। अनिल अंबानी से इस प्रक्रिया के तहत 1,200 करोड़ रुपये वसूले जाने हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने वर्ष 2016 में रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस इन्फ्राटेल को कर्ज दिए थे। अनिल अंबानी ने इस कर्ज के लिए पर्सनल गारंटी दी थी। लेकिन दोनों ही कंपनियां कर्ज का भुगतान नहीं कर पाई।

एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने इस सप्ताह गुरुवार को जारी एक आदेश में कहा कि आरकॉम और रिलायंस इन्फ्राटेल - ये दोनों कंपनियां जनवरी, 2017 के आसपास कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट कर गई। उसके बाद दोनों ही लोन अकाउंट्स को 26 अगस्त, 2016 की अवधि से ही फंसे कर्ज (एनपीए) की सूची में डाल दिया गया। हालांकि, उस वक्त दोनों कंपनियों और एसबीआइ के बीच लोन करार भी नहीं हुआ था।

अपने आदेश में एनसीएलटी ने कहा कि कर्ज लिया गया और दोनों अकाउंट्स एनपीए घोषित कर दिए गए, इसमें आपत्ति की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन जिस तरह से कर्ज करार से पहले की अवधि से ही उसे एनपीए घोषित कर दिया गया और उस पर उत्तरदाता (अनिल अंबानी) ने कोई आपत्ति भी नहीं जताई, वह बेतुका है। बहरहाल, एनसीएलटी ने इस मामले में रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति का आदेश दे दिया है और एसबीआइ से कहा है कि वह जरूरी कदम उठाए।

एनसीएलटी ने यह भी कहा है कि जब तक इन्सॉल्वेंसी के तहत समाधान प्रक्रिया स्वीकार नहीं की जाती तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, ऐसा मानना गलत होगा। एनसीएलटी के ऐसा कहने की वजह यह है कि दिवालिया प्रक्रिया के तहत कर्जदार कंपनी और उसके पर्सनल गारंटर पर प्रक्रियाएं अलग-अलग चलने का स्पष्ट प्रावधान है। हालांकि इस बारे में अंबानी की ओर से एक प्रवक्ता ने कहा कि अभी एनसीएलटी के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है।

उसके बाद इस आदेश के खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) में याचिका दायर की जाएगी। प्रवक्ता के मुताबिक एनसीएलटी ने एसबीआइ की वह मांग खारिज कर दी है जिसमें उसने अनिल अंबानी को संपत्तियों की बिक्री से रोक की गुहार लगाई थी। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति का भी आदेश इसलिए दिया गया है ताकि वह अनिल अंबानी के खिलाफ एसबीआइ की दिवालिया प्रक्रिया याचिका का अध्ययन करे। इस अध्ययन के आधार पर वह एनसीएलटी में रिपोर्ट दे।

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