कोझिकोड विमान हादसाः एक्सपर्ट्स ने 9 साल पहले ही दी थी चेतावनी


कैप्टन मोहन रंगनाथन सिविल एविएशन एक्सपर्ट हैं. कोई नौ साल पहले वह उस एक्सपर्ट कमेटी के सदस्य थे, जिसने कोझिकोड करिपुर हवाई अड्डे का निरीक्षण किया था और इस एयरपोर्ट के खतरों को लेकर चेतावनी दी थी.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के CASAC के अध्यक्ष डॉ. नसीम जैदी, तत्कालीन नागरिक उड्डयन महानिदेशक भारत भूषण और कैप्टन मोहन रंगनाथन ने 2011 में ही कहा था कि कोझिकोड एयरपोर्ट में रनवे लैंडिंग के लिए सुरक्षित नहीं है. एक्सपर्ट कमेटी ने अपने पत्र में कहा था, 'बारिश की स्थिति में रनवे पर विमान लैंडिंग यात्रियों के जीवन को खतरे में डाल सकती है.'

पत्र में कहा गया था कि कालीकट हवाई अड्डे के दोनों छोर पर न्यूनतम रनवे स्ट्रिप एंड रनवे एंड सेफ्टी एरिया (RESA) नहीं है. उन्होंने यह भी सवाल किया था कि कैसे डीजीसीए ने अपने पत्र में इसकी अनदेखी की.

इंडिया टुडे से बातचीत करते हुए कैप्टन रंगनाथन ने कहा, 'गीले रनवे पर विमान का उतरना सबसे खतरनाक होता है. जब रनवे पर विमान लैंडिंग करता है तो तेजी से आगे बढ़ रहा होता है. रनवे के टॉप पर एयरक्राफ्ट नीचे उतरता है. जब विमान पूरी तरह से रनवे पर लैंडिंग करता है भारी मात्रा में रबर जमा होता है. अगर ऐसी स्थिति में रनवे गीला है और रबर जमा हुआ तो एक्सीडेंट की आशंका बहुत बढ़ जाती है, और यह बहुत खतरनाक होता है.' कैप्टन रंगनाथन ने कहा, 'यहां हर कोई जोखिम उठा रहा है क्योंकि यह व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण स्टेशन है.'

हालांकि कैप्टन रंगनाथन और चार अन्य को 2013 में CASAC से हटा दिया गया था. इस पर इन विशेषज्ञों ने आरोप लगाया था, 'हम लगातार फायर सेफ्टी, ट्रेनिंग, एयरपोर्ट इंस्पेक्शन की खामियों के बारे में बता रहे थे. जबकि वे सिर्फ ऐसे सदस्य चाहते थे जो कागजों पर दस्तखत करते हों और सवाल न खड़े करते हों.'

कैप्टन रंगनाथन ने कहा, कोझिकोड और मेंगलुरु एयरपोर्ट असुरक्षित है. जब तक इन हवाई अड्डों को तैयार नहीं किया जाएगा, हम संभावित हादसों को रोकने में कामयाब नहीं हो पाएंगे. अंत में, कैप्टन रंगनाथन ने कहा, "मैं नागरिक उड्डयन मंत्रालय को इसके (कोझिकोड हादसे) लिए जिम्मेदार मानता हूं."

कैप्टन मोहन रंगनाथन ने इस घटना पर की सही जांच को लेकर भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि मामले में लीपापोती की जा सकती है.

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