ये क्या माजरा! मुकेश अंबानी के करीबी ने गिरवी रख दिए अपने पास रखे रिलायंस के 94% शेयर


रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर चढ़ते जा रहे हैं, जिसके पास ये शेयर नहीं हैं वो पिछले कुछ महीने की बढ़त देखकर पछता रहा है. ऐसे में ये हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है कि मुकेश अंबानी के करीबी और कंपनी में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीएमएस प्रसाद ने रिलायंस के अपने पास मौजूद 94 फीसदी शेयर प्लेज्ड (Pledged) किए यानी गिरवी रख दिए हैं.

कितने शेयर गिरवी रखे

शेयर बाजार को दी गई जानकारी के मुताबिक रिलायंस के बोर्ड में शामिल PMS प्रसाद ने 29 जून को रिलायंस के 6 लाख शेयर गिरवी रख दिए हैं जिनकी कीमत कीमत करीब 103 करोड़ रुपये है. यह उनके पास मौजूद रिलायंस के शेयरों का 93.75 फीसदी हिस्सा है. उन्होंने यह शेयर गिरवी क्यों रखे हैं, इसका खुलासा नहीं हुआ है.

गौरतलब है कि प्रसाद के पास रिलायंस के कुल 6.40 लाख शेयर हैं. उनको वित्त वर्ष 2019-20 में 11.15 करोड़ रुपये सालाना और इसके पिछले वर्ष में 10.01 करोड़ रुपये का पैकेज मिला है. इसके पहले सितंबर 2017 में उन्होंने रिलायंस के 1,36,666 शेयर बेच दिये थे. सितंबर 2019 में रिलायंस के सीएफओ आलोक अग्रवाल ने भी 14.4 लाख शेयर गिरवी रखे थे और पिछले महीने उन्होंने भी रिलायंस के 2.25 लाख शेयर गिरवरी रखे. उनको पिछले महीने ही राइट इश्यू के द्वारा रिलायंस के 1 लाख शेयर हासिल हुए हैं.

प्रसाद 21 अगस्त 2009 से ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्णकालिक निदेशक हैं. वह रिलायंस के साथ पिछले 38 साल से जुड़े रहे हैं और कई वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके हैं.

क्या होती है Pledging, क्यों गिरवी रखे जाते हैं शेयर?

आमतौर पर कोई प्रोफेशनल या प्रमोटर अपने शेयर गिरवी तब रखता है जब उसे फंड जुटाने की जरूरत होती है, किसी कर्ज को चुकाने या किसी कंपनी के अधिग्रणह के लिए.लेकिन यह बात चकित करने वाली इसलिए है क्योंकि हाल के दिनों में रिलायंस शेयर बाजार के सबसे सफल शेयरों में से रहा है. ​जियो प्लेटफॉर्म में एक दर्जन कंपनियों के निवेश और राइट इश्यू की वजह से मार्च से अब तक रिलायंस के शेयरों में 142 फीसदी की तेजी आई है. 27 जुलाई को रिलायंस के शेयर 2,198.70 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. गुरुवार को यह शेयर 2108.65 रुपये पर बंद हुआ.

ऐसे Pledged शेयर को किसी कर्ज देने वाले को ट्रांसफर कर दिया जाता है, लेकिन इस पर उस व्यक्ति का मा​लिकाना हक बना रहता है, जैसे इस मामले में प्रसाद रिलायंस के शेयरों के मालिक बने रहेंगे. हालांकि कर्ज लेने वाला अगर डिफाल्ट करता है तो कर्ज देने वाले के पास यह अधिकार होता है कि उन शेयरों को बेचकर पैसा निकाल ले.

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