मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का निधन, लंबी बीमारी के बाद लखनऊ में ली आखिरी सांस


मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन का आज सुबह निधन हो गया. 85 वर्षीय लालजी टंडन बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ में चल रहा था. लालजी टंडन के निधन की पुष्टि उनके बेटे और यूपी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन ने की. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि बाबूजी नहीं रहे.

देर रात ही लालजी टंडन की हालत फिर बिगड़ गई थी. गंभीर हालत में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. इसकी जानकारी लखनऊ स्थित मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने दी थी. डॉ. राकेश कपूर ने कहा था कि आज उनकी तबीयत ज्यादा गंभीर है. उन्हें फुल सपोर्ट पर रखा गया था. आज सुबह 5 बजकर 35 मिनट पर उनका निधन हो गया.

11 जून को अस्पताल में भर्ती हुए थे लालजी टंडन

मध्य प्रदेश के गवर्नर लालजी टंडन को 11 जून को सांस लेने में परेशानी, बुखार और पेशाब में दिक्‍कत के कारण लखनऊ स्थित मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. लालजी टंडन की तबीयत दिन ब दिन बिगड़ती जा रही थी. इस वजह से उत्तर प्रदेश की राज्‍यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्‍य प्रदेश का अतिरिक्‍त कार्यभार दिया गया था.

किडनी और लिवर फंक्शन में थी दिक्कत

लालजी टंडन का 13 जून को ऑपरेशन किया गया था. हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था. बीच में दो दिन बाई-पैप मशीन पर रहे. मेदांता अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर के मुताबिक, लालजी टंडन के किडनी फंक्शन में दिक्कत थी. ऐसे में डायलिसिस करनी पड़ रही थी. अब लिवर फंक्शन में भी दिक्कत शुरू हो गई थी.

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी थे लालजी टंडन

12 अप्रैल 1935 को लखनऊ के चौक गांव में जन्मे लालजी टंडन की गिनती भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर नेताओं में होती है. वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी थे. लालजी टंडन कई बार विधानसभा सदस्य और विधान परिषद के सदस्य रहे. लालजी टंडन बीएसपी-बीजेपी गठबंधन और कल्याण सिंह सरकार में मंत्री भी रहे.

2009 में लखनऊ लोकसभा सीट से जीते थे चुनाव

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत खराब हो जाने के बाद लालजी टंडन को 2009 में लखनऊ लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया. उन्होंने कांग्रेस की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 40 हजार वोटों से हराया था. 23 अगस्त 2018 को लालजी टंडन बिहार के राज्यपाल बने. इसके बाद 29 जुलाई 2019 को उन्हें मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था.

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