झड़प के बाद अलर्ट पर तीनों सेनाएं, नौसेना ने बढ़ाई तैनाती, LAC पर अतिरिक्त जवान


लद्दाख में भारत-चीन सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद जल, थल और वायुसेना पूरी तरह से अलर्ट पर हैं. तीनों सेनाओं को अलर्ट पर रहने का फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ आर्मी डिफेंस (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक में लिया गया.

3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की कड़ी नजर है. तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है. चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है.

इसके साथ ही सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है. वायुसेना ने पहले से ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है.

गौरतलब है कि सोमवार रात गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी. भारतीय सैनिकों का दल चीनी सैनिकों से बातचीत करने गया था, लेकिन चीनी सैनिकों ने हमला कर दिया. इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए, जबकि चीनी सेना के 35 से 40 जवानों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं.

आजतक को सूत्रों के हिसाब से मिली खबरों के मुताबिक चीन ने इस हमले की प्लानिंग पहले से ही बना रखी थी. जहां वो पत्थर, लोहे की रॉड और कील लगे हथियार लेकर घात लगाए बैठे हुए थे. इतना ही नहीं भारतीय सेना के पलटवार के लिए बचाव का सामान भी चीनी सेना ने तैयार रखा था.

चीन ड्रोन से भारतीय सेना की गतिविधि पर नजर बनाए हुए था, लेकिन भारत के जांबाजों के साथ उलझना उसे महंगा पड़ा. इस खूनी झड़प पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को साफ शब्दों में कह दिया कि सीमा पर किसी भी तरह की गुस्ताखी माफ नहीं की जाएगी. सीमा पर चीन की साजिश अब उसे महंगी पड़ने वाली है.

इस बीच गलवान घाटी पर तनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है. बुधवार रात प्रधानमंत्री आवास पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जहां लद्दाख के हालातों पर चर्चा हुई. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है.

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