मरीजों को न लौटा दें दिल्ली के अस्पताल, AAP सरकार ने तैनात किए अधिकारी


दिल्ली सरकार के अस्पतालों से लगातार खबरें आ रही है कि मरीज अलग-अलग बीमारियों के ट्रीटमेंट और एडमिट होने के लिए जाते हैं लेकिन उनको एडमिट होने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली सरकार ने अब इस समस्या के समाधान के लिए एक फैसला लिया है. सरकार ने इसके लिए एक हेल्प डेस्क बनाई है.

दिल्ली में राज्य सरकार के अधीन आने वाले सभी 28 अस्पतालों में हेल्प डेस्क पर 24 घंटे मरीजों की सहायता के लिए सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया गया है. हर अस्पताल में चार कर्मचारियों को मरीजों की सहायता के लिए तैनात किया गया है. इस हेल्पडेस्क में 12-12 घंटे की दो शिफ्ट होगी. हर शिफ्ट में दो-दो अधिकारियों की तैनाती की गई है.

दिल्ली सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं. सरकार की ओर से हेल्प डेस्क पर तैनात अधिकारियों की सूची भी जारी कर दी गई है. अस्पतालों में नाइट शिफ्ट के दौरान एक कॉन्स्टेबल को भी तैनात किया जाएगा. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक अस्पतालों में हेल्प डेस्क के कामकाज की निगरानी करने का दायित्व संबंधित इलाके के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) का होगा.

गौरतलब है कि कोरोना की महामारी से जूझ रही दिल्ली में लगातार इस तरह की शिकायतें सामने आ रही थीं कि अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं ले रहे. पिछले दिनों उपचार में हुई देरी के कारण एक मरीज की मौत हो गई थी. इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए दिल्ली सरकार ने यह कदम उठाया है. हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी होगी कि वह अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बिना तकलीफ के भर्ती कराए.

बता दें कि दिल्ली में कोरोना के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह ऐलान किया है कि दिल्ली के अस्पतालों में केवल दिल्ली में रहने वालों का ही इलाज होगा. दिल्ली में कंटेनमेंट जोन्स की संख्या भी 219 से बढ़कर 223 हो गई है.

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