30 साल पहले हो चुकी थी 'मौत', बैंक फ्रॉड में CBI ने ऐसे जिंदा खोज निकाला


सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन (सीबीआई) ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसे 30 साल पहले मरा हुआ घोषित कर दिया गया था. पकड़े गए इस 70 वर्षीय व्यक्ति पर 2.5 लाख रुपये की बैंक धोखाधड़ी का आरोप है. आरोपी को उसके परिवार ने 30 साल पहले मृत घोषित कर दिया था.

सीबीआई ने 30 जुलाई, 1990 को निर्मल सिंह बाठ नाम के व्यक्ति के खिलाफ जालंधर स्थित यूनाइटेड कमर्शियल बैंक की एक ब्रांच में ढाई लाख की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. यह व्यक्ति 1980 से लेकर 1985 के बीच बैंक का मैनेजर था.

सीबीआई के एक अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया, “निर्मल सिंह ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके फर्जी लोगों के नाम पर ट्रैक्टर, डेयरी उत्पाद और खुदरा व्यापार के लिए लोन पास करके बैंक को चूना लगाया था.”

सड़क हादसे की कही थी बात

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने निर्मल सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर की लेकिन मामले की सुनवाई के दौरान वह लापता हो गया. अदालत ने उन्हें 1993 में अपराधी घोषित कर दिया लेकिन निर्मल गायब रहा.

उसी दौरान निर्मल सिंह के करीबी लोगों ने एक कहानी गढ़ी कि वे उत्तर प्रदेश में एक यात्रा के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गए. परिवार ने कथित तौर पर निर्मल सिंह का अंतिम संस्कार किया और निर्मल सिंह का जाली डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने निर्मल सिंह की मौत की पुष्टि नहीं की और निर्मल सिंह की तलाश जारी रखी.

दूसरी ओर, निर्मल सिंह ने जाली पहचान पत्र बनवा कर अपनी पहचान बदल दी और मृणाल सिंह के नाम पर पासपोर्ट बनवा लिया. बदले हुए नाम और फर्जी पासपोर्ट के साथ निर्मल सिंह मृणाल बनकर अमेरिका चला गया.

निर्मल सिंह के मृणाल सिंह बनने की पूरी कहानी से अनजान सीबीआई की तलाश अब भी जारी थी. हाल ही में सीबीआई को पता चला कि निर्मल सिंह पटियाला में रह रहा है. सीबीआई की एक टीम ने उसके आवासीय पते पर छापा मारने का फैसला किया और उसे हिरासत में ले लिया.

अदालत ने 12 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजा

सूत्रों का कहना है कि सीबीआई टीम को देखकर निर्मल सिंह ने खुद को पहचानने से इनकार कर दिया और कहा कि बैंक फ्रॉड के मामले में वे जिस व्यक्ति को वे ढूंढ रहे हैं, वह कोई और है. पकड़े जाने पर निर्मल सिंह ने बैंक फ्रॉड प्रकरण से अनभिज्ञता जाहिर की.

सीबीआई के अधिकारी ने बताया, “निर्मल सिंह के निवास पर छापेमारी के दौरान हमने अमेरिका में टेक्सास अथॉरिटी की ओर से जारी एक ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य आई-कार्ड, पासपोर्ट और कई दस्तावेज जब्त किए हैं.”

निर्मल सिंह को अदालत में पेश किया गया और अदालत ने उसे 12 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. लेकिन निर्मल सिंह की स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती कराया गया है.

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