महाराष्ट्र में 9 विधान परिषद (एमएलसी) की सीटों पर 21 मई को होने वाले चुनाव की बिसात बिछाई जाने लगी है. इन 9 में से 5 सीटें शिवसेना-एनएसपी-कांग्रेस गठबंधन का जीतना तय माना जा रहा है और 6वीं सीट जीतने के लिए छोटे दलों को साधने की कवायद हो रही है. वहीं, बीजेपी भी 9 में से 4 सीटों जीतने के लिए हरसंभव कोशिश में है. इसी चुनाव में उद्धव ठाकरे विधान परिषद की सदस्यता लेकर अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बरकरार रखेंगे.
शिवसेना-एनएसपी-कांग्रेस गठबंधन महाविकास अघाड़ी के हिस्से में आने वाली पांच सीटों में से दो-दो शिवसेना-कांग्रेस को और एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को मिल सकती है. शिवसेना ने अपने हिस्से की दो सीटों में से एक पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और दूसरी सीट के लिए नीलम गोरे को उम्मीदवार बनाने की मंगलवार को घोषणा की है. उद्धव अपने राजनीतिक करियर का पहला चुनाव लड़ रहे हैं.
उद्धव ठाकरे को अपने मुख्यमंत्री पद पर बरकरार रहने के लिए 27 मई से पहले दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना अनिवार्य है. ऐसे में एमएलसी के लिए उन्हें पार्टी ने कैंडिडेट बनाया है जबकि नीलम गोरे विधान परिषद की उपसभापित के पद पर थीं. गोरे की 24 अप्रैल को सदस्यता समाप्त हो चुकी है, जिसके चलते पार्टी ने दांव एक बार फिर लगाया है.
कांग्रेस के कोटे में आने वाली दो विधान परिषद सीटों पर कई दावेदार माने जा रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व मंत्री मुहम्मद आरिफ नसीम खान, प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष मुजफ्फर हुसैन, प्रवक्ता सचिन सावंत और दलित नेता चंद्रकांत हंडोरे विधान परिषद के जरिए विधानमंडल में पहुंचने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे हैं. वहीं, एनसीपी में भी विधान परिषद के कैंडिडेट को लेकर मंथन चल रहा है. इसके अलावा 6वीं सीट के लिए कांग्रेस कुछ छोटे दलों को मिलकर अपना आंकड़ा जुटाना चाहती है.
बीजेपी में कई दावेदार
बीजेपी को तीन विधान परिषद की सीटें मिलनी तय मानी जा रही हैं. इसके अलावा उसकी नजर चौथी सीट पर भी है. बीजेपी से विधान परिषद के लिए कई दावेदार माने जा रहे हैं. बीजेपी के दिवंगत दिग्गज नेता गोपीनाथ मुंडे की पुत्री पंकजा मुंडे पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद से प्रदेश नेतृत्व से नाराज चल रही हैं. ऐसे में पंकजा मुंडे को पार्टी दावेदार बना सकती है.
ऐसे ही ओबीसी के दिग्गज नेता पूर्व शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े को बीजेपी ने विधानसभा के चुनाव में टिकट नहीं दिया था, ऐसे में वो भी विधान परिषद के जरिए सदन में पहुंचना चाहते हैं. माना जा रहा है तावड़े को पार्टी एमएलसी का प्रत्याशी बना सकती है. गोपीनाथ मुंडे खेमे के ही एक और दिग्गज नेता एकनाथ खडसे भी उम्मीदवारी की उम्मीद लगाए बैठे हैं जबकि बीजेपी के सहयोगी दल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) भी एक सीट मांग रही है. ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी एमएलसी के लिये किस पर दांव खेलती है.
कुल 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी को 170 विधायकों का समर्थन हासिल है. इनमें शिवसेना के 56 विधायक, एनसीपी के 54 विधायक, कांग्रेस के 44 विधायक और अन्य 16 विधायक उनके साथ हैं. वहीं, बीजेपी के नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 115 विधायक हैं जबकि 2 AIMIM और एक मनसे के विधायक हैं.
विधान परिषद की एक सीट के लिए तकरीबन 33 वोटों की प्रथम वरियता के आधार पर जरूरत होगी. इस लिहाज से महाअघाड़ी छह सीटों को लेकर समीकरण बना रही है. वहीं बीजेपी की नजर भी चार सीटों पर है. इसके लिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों की नजर निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों पर है.
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