कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश भर में 3 मई तक के लिए लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन लागू होने के दिन यानी 24 मार्च से ही सभी यात्री रेल सेवाएं बंद कर दी गई हैं. इस वजह से भारतीय रेलवे को भारी नुकसान होने की आशंका है. रेलवे को सिर्फ रिफंड के तौर पर 1490 करोड़ का नुकसान होने वाला है. रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी है.
अधिकारी ने बताया कि 22 मार्च से 14 अप्रैल के बीच यात्रा के लिए बुक कराई गई 55 लाख टिकटों के लिए 830 करोड़ रुपये की राशि वापस की जाएगी. यहां बता दें कि रेलवे ने 21 दिन के लॉकडाउन लागू होने से तीन दिन पहले 22 मार्च को अपनी यात्री रेल सेवाओं को व्यापक पैमाने पर स्थगित कर दिया था.
लॉकडाउन बढ़ने के बाद कितना नुकसान
रेलवे अधिकारी के मुताबिक लॉकडाउन को 15 अप्रैल से बढ़ाकर 3 मई तक किए जाने के निर्णय के कारण बुक कराए गए 39 लाख टिकटों के लिए 660 करोड़ रुपये की राशि वापस की जायेगी. मतलब ये कि रेलवे को लॉकडाउन में कुल 94 लाख टिकट रद्द करने हैं. इस वजह से रेलवे को राजस्व में कुल 1490 करोड़ का नुकसान होने वाला है.
बता दें कि भारत में 24 मार्च की रात से 14 अप्रैल तक 21 दिन का लॉकडाउन लगाया गया था. बीते मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की थी. रेलवे ने 15 अप्रैल के बाद यात्रा के लिए बुकिंग की व्यवस्था बंद नहीं की थी. ऐसे में 15 अप्रैल के बाद की एडवांस टिकट बुकिंग हो रही थी. हालांकि, अब रेलवे ने एडवांस टिकट बुकिंग को भी अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया है. इसका मतलब ये हुआ कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद की रेल टिकट बुक नहीं करा सकते हैं.