नगर निकायों की तत्परता से रोका जा सकता है कोरोना का संक्रमण


युवाशक्ति टीम
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 ➤ संक्रमण के संदिग्ध लोगों के मेडिकल वेस्ट का अलग से निस्तारण जरूरी
 ➤ ग्रीनटेक एन्वायरन मैनेजमेंट  के एमडी रमाकांत बर्मन ने दिए सुझाव

कोलकाता : जानलेवा कोरोना वायरस से बचने के लिए पूरी दुनिया में जंग छिड़ी हुई है. यह महामारी मानव जाति के समक्ष एक बड़ी चुनौती है. इस महामारी से बचने के लिए सरकार के स्वास्थ्य विभागों की तरफ से तमाम उपाय सुझाए गए हैं. लोग उनका पालन कर रहे हैं। फिलहाल सोशल डिस्टेंसिंग इस महामारी से बचने का बड़ा उपाय है. इसलिए लोग अपने घरों में बंद हैं. इस घड़ी में देश का हर नागरिक चिंतित और भयभीत है। सभी चाहते हैं कि इस महामारी को बढ़ावा नहीं मिले. ऐसे में ग्रीनटेक एन्वायरन मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर रमाकांत बर्मन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार को अपने अहम सुझाव से अवगत कराना चाहते हैं. 


उन्होंने युवा शक्ति से बातचीत में बताया कि घरों से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट अर्थात चिकित्सा अपशिष्ट का सही तरीके से ट्रीटमेंट कर के भी कोरोना को फैलने से रोका जा सकता है. उनका मानना है कि राज्य के प्रत्येक नगर निगम एवं नगर पालिका इलाकों में विदेशों से आए कुछ ऐसे लोग रह रहे होंगे जिनमें कोरोना संक्रमण की आशंका है. वे लोग क्वारंटाइन में रह रहे होंगे और उनके मेडिकल वेस्ट पालिका या निगम के सफाई कर्मी अन्य लोगों के कचरे के साथ लेकर एक ही वाहन से कोलकाता के धापा या अन्य तय स्थानों पर फेंकते होंगे. इसका मतलब इस कचरे को उठाने वाले कर्मचारियों में कोरोना के संक्रमण की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं जिस स्थान पर ये कचरा फेंका जाता है वहां से काफी संख्या में गरीब बच्चे प्लास्टिक, कागज इत्यादि बिन कर कबाड़ वाले को बेचते हैं. इस तरह से देखा जाए तो मौजूदा परिस्थिति में मेडिकल वेस्ट उठाने वाले कर्मचारियों एवं उनसे जुड़े उनके परिजनों तथा कचरे के ढेर से प्लास्टिक, कागज़ इयादी चुनने वाले और उनके संपर्क में आने वाले लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा हो सकता है. ऐसे हालात में हर निगम एवं पालिका के प्रत्येक वार्ड के पार्षद को अपने वार्ड के कोरोना संक्रमित संदिग्ध लोगों एवं स्वस्थ लोगों की सूची बनानी चाहिए ताकि उनके कचरे को अलग-अलग कर उसका निस्तारण किया जा सके. कोरोना प्रभावित लोगों के मेडिकल वेस्ट का अलग से ट्रीटमेंट करना बहुत जरूरी है. 


ऐसा कर कोरोना को रोका जा सकता है। रमाकांत बर्मन का कहना है कि इस कार्य  में वे सरकार की मदद कर सकते हैं. उल्लेखनीय है कि रमाकांत बर्मन सरकारी अस्पतालों से निकलने वाले मेडिकल कचरे को ठिकाने लगाते हैं.
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