आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक तरफ जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, वहीं दूसरी तरफ आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं. लेकिन रविवार सुबह बिहार की जनता, तीसरे मुख्यमंत्री उम्मीदवार से भी रूबरू हुई. बिहार के कई अखबारों में रविवार को एक विज्ञापन छपा, जिसमें पुष्पम प्रिया चौधरी नाम की एक महिला ने खुद को 2020 विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बताया है.
अखबार में दिया विज्ञापन
विज्ञापन के जरिए इस महिला ने बताया है कि उसने 'प्लूरल्स' नाम का एक राजनीतिक दल बनाया है जिसकी वह अध्यक्ष हैं. आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार के अखबारों में विज्ञापन देते हुए मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश की. पुष्पम प्रिया चौधरी ने विज्ञापन में बताया कि उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है और अब बिहार वापस आकर उसे बदलना चाहती हैं.
इस विज्ञापन में पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक पंच लाइन भी दिया है 'जन गण सबका शासन'. विज्ञापन में यह भी कहा गया है कि बिहार में अब सबका शासन होगा. उन्होंने कहा है कि बिहार बेहतरी के लायक है और यहां पर बेहतरी संभव है.
लंदन से की है पढ़ाई
बता दें कि पुष्पम प्रिया चौधरी ने डबल एमए किया है. इंग्लैंड के द इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज विश्वविद्यालय से एमए इन डेवलपमेंट स्टडीज और लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एंड पॉलीटिकल साइंस से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए किया है.
चौधरी ने इस विज्ञापन में बताया है कि उनकी पार्टी सकारात्मक राजनीति और पॉलिसी मेकिंग की विचारधारा पर केंद्रित है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने विज्ञापन में बिहार की जनता को एक पत्र भी लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वह अगर बिहार के मुख्यमंत्री बन जाती हैं तो 2025 तक बिहार को देश का सबसे विकसित राज्य बना देंगी और 2030 तक इसका विकास यूरोपियन देशों जैसा होगा.
उन्होंने बिहार को बदलने के लिए बिहार की जनता से उनका साथ देने की अपील की है. जानकारी के मुताबिक पुष्पम प्रिया चौधरी दरभंगा निवासी हैं और जेडीयू के पूर्व एमएलसी विनोद चौधरी की बेटी हैं. वो फिलहाल लंदन में ही रहती हैं.