केंद्र सरकार के कैबिनेट मीटिंग में येस बैंक के री-स्ट्रक्चर प्लान को मंजूरी दे दी गई है. यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दी है. मीडिया ब्रीफ्रिंग के दौरान निर्मला सीतारमण ने बताया कि येस बैंक में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया 49 फीसदी शेयर खरीदेगा.
उन्होंने कहा कि 26 प्रतिशत शेयर में 3 साल का लॉक इन है. यानी कि एक बार खरीदने के बाद 3 साल तक के लिए इन शेयरों को नहीं बेचा जा सकेगा. वहीं निजी निवेशकों को भी आमंत्रित किया गया है. निजी निवेशकों के लिए भी 3 साल का लॉक इन पीरियड होगा. इस बीच, ICICI बैंक ने येस बैंक में 1,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है. इस तरह ICICI बैंक की येस बैंक में 5 फीसदी हिस्सेदारी होगी.
कब खत्म होगी पाबंदी?
इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने बताया कि री-स्ट्रक्चरिंग प्लान का नोटिफिकेशन जल्द जारी कर दिया जाएगा. इसके तीन दिन के भीतर येस बैंक पर आरबीआई की पाबंदियों को हटा दिया जाएगा. बता दें कि आरबीआई ने 3 अप्रैल 2020 तक के लिए येस बैंक के खाताधारकों को 50 हजार रुपये निकालने की लिमिट तय की है.
कोरोना इफेक्ट पर क्या बोलीं?
इसके अलावा, निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमी पर कोरोना वायरस के इफेक्ट पर भी बात की. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से प्रभावित सेक्टर्स की समीक्षा हो रही है. हम हर मंत्रालय से बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शेयर बाजार पर असर, कोरोना के अलावा ग्लोबली वजह से भी है.
बता दें कि काेरोना वायरस की वजह से सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट आ रही है. बीते 10 दिन में सेंसेक्स और निफ्टी ऐतिहासिक गिरावट के दौर से गुजर रहा है. शुक्रवार को तो बाजार में लोअर सर्किट की नौबत आ गई और 45 मिनट के लिए कारोबार ठप रहा.
महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी
वहीं प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई है. अब केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़कर 21 फीसदी हो गया है. पहले केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 17 फीसदी था.
48 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनधारियों को मिला सरकार का तोहफा, सरकार ने मंहगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की, इससे एक करोड़ 13 लाख परिवारों को फायदा मिलेगा : केंद्रीय मंत्री @PrakashJavdekar #cabinetdecision #cabinet pic.twitter.com/IWSUZh61kS— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) March 13, 2020
सरकार के इस फैसले का फायदा 48 लाख केंद्रीय कर्मचारी और करीब 65 लाख पेंशनर्स को मिलने की उम्मीद है. इस वजह से सरकार पर 14 हजार करोड़ से अधिक का बोझ पड़ने की आशंका है.