कोलकाता मेट्रो के पिछले साढ़े तीन दशक के इतिहास में ट्रेन के आगे कूदकर खुदकशी की ढेर सारी घटनाएं हो चुकी हैं. एक समय तो इसे 'सुसाइड स्पाट' तक करार दे दिया गया था, लेकिन ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. इस बाबत खास इंतजाम किए गए हैं, ताकि ऐसी घटनाएं रोकी जां सकें. दिल्ली मेट्रो की तरह यहां भी हरेक स्टेशन पर 'प्लेटफार्म स्क्रीन डोर' लगाए गए हैं. ट्रेन के स्टेशन में प्रवेश करने के बाद उसके दरवाजे खुलने के साथ ही प्लेटफार्म के दरवाजे खुलेंगे और साथ ही बंद होंगे, यानी ट्रेन के सामने अथवा पटरी पर कूदकर जान लेने की घटनाएं नहीं होंगी.
गौरतलब है कि कोलकाता मेट्रो के स्टेशनों पर आरपीएफ कर्मियों की तैनाती के बावजूद ट्रेनों के सामने कूदकर खुदकशी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगाया जा सका है, तभी ईस्ट-वेस्ट मेट्रो में इसका खास ध्यान रखा गया है. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के प्रथम चरण के तहत साल्टलेक स्टेडियम, करुणामयी, सेंट्रल पार्क, सिटी सेंटर और बंगाल केमिकल के बीच ट्रेनों का परिचालन होगा. ट्रेनें सेवाएं सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक उपलब्ध रहेंगी। किराया पांच से 10 रुपये होगा.
प्लास्टिक-मुक्त होंगे सभी स्टेशन
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के सभी स्टेशन पूरी तरह प्लास्टिक-मुक्त होंगे. स्टेशन परिसर में किसी को प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए जाने पर उसपर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के एक अधिकारी ने बताया कि उद्घाटन के दिन से ही स्टेशनों को प्लास्टिक-मुक्त रखने का प्रयास किया जाएगा. मेट्रो कर्मचारियों को भी प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी गई है.
ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की ट्रेनें चलाने के लिए चालकों को पिछले एक महीने विशेष प्रशिक्षण दिया गया है. सभी ट्रेनें वातानुकूलित होंगी। ट्रेन के प्रत्येक डिब्बे में डिस्प्ले बोर्ड के साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे. स्टेशनों पर टिकट वेंडिंग मशीनें भी होंगी. सेक्टर-5 स्टेशन पर पार्किंग की व्यवस्था भी की गई है.