मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट एक फरवरी यानी आज संसद में पेश होने जा रहा है. इससे पहले शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 पेश किया गया. वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर ही बजट बनाया जाता है. देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों के साथ आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है.
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार सुबह 8:50 बजे अपने घर से वित्त मंत्रालय के लिए रवाना होंगी और 9 बजे पहुंचेंगी. वहां केंद्रीय राज्य वित्तमंत्री अनुराग ठाकुर और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ फोटो सेशन होगा.
इसके बाद निर्मला सीतारमण वित्त मंत्रालय से राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी और बजट पेश करने के लिए राष्ट्रपति की औपचारिक स्वीकृति लेंगी. फिर निर्मला सीतारमण राष्ट्रपति भवन से संसद के लिए रवाना होंगी और करीब 10:30 बजे कैबिनेट की बैठक में हिस्सा लेंगी. कैबिनेट की मंजूरी लेने के बाद शनिवार सुबह 11 बजे निर्मला सीतारमण बजट को संसद में पेश करेंगी.
इससे पहले देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीदों के साथ आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी विकास दर 6 से 6.5 फीसदी रहने की संभावना जताई गई है. इस बजट के विकास केंद्रित रहने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण देश की आर्थिक विकास को रफ्तार देने और निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई अहम ऐलान कर सकती हैं. इससे देश में आर्थिक सुस्ती खत्म होने और विकास दर में तेजी देखने को मिल सकती है.
आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी दर बढ़ने का अनुमान
वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी विकास दर में तेजी का अनुमान उस समय आया है, जब केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने चालू वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी विकास दर पांच फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष में जुलाई से सितंबर के दौरान जीडीपी विकास दर 4.5 फीसदी पर आ गई, जोकि बीते 6 साल का निचला स्तर था. आर्थिक विकास दर में आई इस गिरावट से सरकार पर सुधार के उपाय करने का दबाव है.
सरकार के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य में ढील देने का सुझाव दिया गया है. निर्मला सीतारमण ने पिछले साल जुलाई में बतौर वित्तमंत्री पहला बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य को 3.4 फीसदी से घटाकर 3.3 फीसदी कर दिया था.